रांची। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के शंखनाद के साथ ही यह भी तय कर दिया है कि कोई भी उम्मीदवार चुनाव प्रचार में कितना खर्च कर सकता है।

आयोग ने साफ किया है कि इस बार संसद का चुनाव लड़ रहा छोटे राज्य का कोई भी प्रत्याशी 75 लाख और बड़े राज्यों के उम्मीदवार अधिकतम 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।

विधानसभा चुनाव में इतने रूपये खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी

वहीं विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा 40 लाख रुपये तय है। इसमें चाय-पानी के खर्च से लेकर बैठकों, जुलूसों, रैलियों, विज्ञापनों, पोस्टर-बैनर और वाहनों का खर्च भी शामिल होता है।

दरअसल, चुनाव के दौरान निष्पक्षता कायम रखने के लिए चुनाव आयोग हर उम्मीदवार के लिए चुनाव के दौरान खर्च की अधिकतम सीमा तय कर देता है।

चुनाव आयोग को देना होगा ब्योरा

इससे चुनाव में धन-बल के इस्तेमाल पर काबू पाया जाता है। इस खर्च की गणना नामांकन के साथ शुरू हो जाती है। चुनाव आयोग के नियम के अनुसार हर प्रत्याशी को नामांकन कराने के बाद से ही एक डायरी में रोज के खर्च का हिसाब रखना पड़ता है और चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरा ब्योरा आयोग को देना होता है।

स्टार प्रचारकों के खर्च पर रहेगी चुनाव आयोग की नजर

स्टार प्रचारकों के खर्च पर भी चुनाव आयोग की नजर है। कोई भी स्टार प्रचारक अपने जेब में एक लाख रुपये तक रख सकता है। चुनाव आयोग के मुताबिक, किसी भी पार्टी का प्रत्याशी अपनी जेब में 50 हजार और उसका प्रचार करने आए स्टार प्रचारक एक लाख से ज्यादा की रकम अपने जेब में नहीं रख सकता।

अगर निर्धारित रकम से ज्यादा रकम की बरामदगी होती है तो रकम तो जब्त कर ही ली जाएगी। साथ में उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। चुनाव आयोग ने इसके साथ यह भी निर्देश दिए हैं कि प्रत्याशी अपने रोजाना के खर्चे के लिए एक अलग से रजिस्टर रखेंगे और उसका पूरा ब्योरा हर रोज चुनाव आयोग को भेजेंगे।

इस रजिस्टर में प्रत्याशी कब कहां और कितनी रैली की और उसमें कितना खर्च हुआ, इसका पूरा हिसाब तो रखेंगे साथ ही उसकी पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराएंगे।

रोजाना खर्चे की जानकारी भी चुनाव आयोग को देनी होगी

रोजाना फूल माला, खानपान, ढोल, डांस पार्टी, वाहन आदि का रेट भी चुनाव आयोग द्वारा तय दरों के हिसाब से ही देना होगा। चुनावी खर्च के संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों में स्पष्ट किया गया है कि राजनीतिक दल के स्टार प्रचारक अपने दल के प्रचार कार्यक्रम के लिए किसी साधन से आना-जाना करते हैं।

तो उसका खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में नहीं जोड़ा जाएगा, लेकिन अगर उम्मीदवार स्टार प्रचारक के साथ यात्रा करेगा या फिर स्टार प्रचार की सभा या पंडाल में अपना नाम बैनर पोस्टर फोटो लगाएगा तो उसका आधा खर्चा उम्मीदवार के हिस्से में जोड़ा जाएगा।

चाय-समोसे से लेकर वाहन तक की दरें तय

एक कप चाय का दाम कम से कम आठ रुपये और एक समोसे की कीमत कम से कम 10 रुपये जोड़ी जाएगी। बर्फी, बिस्कुट, ब्रेड पकौड़ा से लेकर जलेबी तक की कीमत तय है।

ऐसे ही अगर कोई प्रत्याशी किसी मशहूर गायक आदि को प्रचार के लिए बुलाता है, तो उसकी फीस दो लाख रुपए मानी जाएगी। इसी तरह वाहन और अन्य चीजों की भी दरें तय हैं। हालांकि, ज्यादा भुगतान होने पर असली बिल भी लगाया जा सकता है।