Pune: जिन खेतों में परंपरागत खेती के गेहूं,जौ और चने की पैदावार ढंग से नही हो पाती थी, उस पथरीली- पहाडी भूमि में गौतमलाल जोशी कई रंगों के गुलाब खिला रहे हैं। विकल्प के रूप में उभरी आधुनिक तकनीक किसानों के लिए वरदान बन गई है। उदयपुर जिले के सतगड़ा के जोशी ने पिछले पांच सालों में 50 लाख रुपए कमाए हैं।

पुणे से खरीदीे 35 हजार गुलाब की पौध

जोशी को गुलाब की खेती की प्रेरणा भीलवाड़ा के किसान से हुई। वहां से उन्होंने गुलाब की उपलब्धता व किस्म के बारे में जाना। उन्होंने पुणे से विभिन्न रंगों के डच गुलाब के 28 रुपए प्रति पौधे की दर से 35 हजार पौधे खरीदे। उन्होंने दो बीघा पथरीली मंगरी वाली भूमि को समतल करवाया। एक हजार ट्रेक्टर तालाब की मिट्टी व 100 ट्रेक्टर देसी गोबर की खाद डाली। चार हजार स्क्वायर फीट को तैयार कर पुणे से लाई गुलाब की कलमें लगाईं।

पांच बीघा में खिल रहे गुलाब

वर्तमान में करीब पचास पौधे चाइनीज गुलाब हैं, बाकी पांच बीघा में सभी डच गुलाब है । इनमें पीच रोज, व्हाईट, येलो और रेड रोज हैं । किसान का कहना है कि कोरोनाकाल में उत्पादन अधिक व खपत कम होने से मांग घट गई। लॉकडाऊन में ट्रांसपोर्ट नही मिलने से भी काफी नुकसान हुआ। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।