मेरठ। जिले में होने वाली रबी व खरीफ की सभी फसलों के शुद्ध आंकड़ों के लिए डिजिटल सर्वे किया जाएगा। यह 10 अगस्त 2023 से शुरू होने जा रहा है। इस सर्वे के बाद फसलों के आंकड़ों में हेरा-फेरी नहीं होगी। इसके लिए जिले के दस गांव चयनित किए गए हैं। भारत सरकार द्वारा विकसित मोबाइल ऐप के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा।केंद्र सरकार द्वारा रियल टाइम सर्वेक्षण हेतू एग्री स्टेक योजना लागू की गई है।

इसमें जिलेवार सभी फसलों का डिजिटल सर्वे किया जाएगा। राजस्व विभाग के साथ कृषि विभाग की टीम इस सर्वे में शामिल होगी। 20 सर्वेयर को सुपरविजन करने के लिए एक समूह सृजित किया जाएगा। समूह के उपर एक सुपरवाइजर होगा।राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक इसके सुपरवाइजर होंगे। संपूर्ण कार्य को वैरीफाई करने के लिए राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार को वैरीफायर बनाया गया है।

जिले के सभी सर्वेयर और वेरीफायर को ट्रेनिंग देने हेतु जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर का गठन किया गया है।इनका प्रशिक्षण 12 जुलाई को लखनऊ में कृषि निदेशालय में हो चुका है। यह योजना कृषि में बड़ा परिवर्तन लेकर आएगी। कोई भी किसान अब आंकड़ों की हेराफेरी नहीं कर सकेगा। उसकी वास्तविक बोई गई फसल का आंकड़ा अब सरकार के पास उपलब्ध रहेगा।

फसलों के सर्वे हेतु राजस्व विभाग के लेखपाल तथा कृषि विभाग के तकनीकी सहायक को सर्वेयर की भूमिका दी गई है। वह एक दिन में 50 प्लाट का सर्वेक्षण करेंगे। कार्य अधिक होने पर पंचायत सहायक को इसमें में लगाया जाएगा। प्रत्येक प्लाट के सर्वे हेतु कुछ अनुसार धनराशि देने की व्यवस्था की सरकार द्वारा की गई है।