झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कासिरा गांव के माटगुटु क्षेत्र के एक खेत में दो दांत वाले एक नर हाथी का शव बुधवार सुबह बरामद हुआ है। घटना की सूचना जगन्नाथपुर थाने की पुलिस व वन विभाग के कर्मी को ग्रामीणों ने दे दी है।

इधर, हाथी का शव पाये जाने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल जाने के बाद आसपास गांव के ग्रामीण मृत हाथी को देखने पहुंचे। मृत हाथी के दोनो दांत सुरक्षित हैं। ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नर हाथी की मृत्यु कैसे हुई यह अभी रहस्य बना हुआ है।

बताया जा रहा है कि मंगलवार देर रात लगभग 12-1 बजे के बीच कासिरा गांव के ही टोला चुरलासाई के आसपास यह हाथी अकेला घूम रहा था। उसने इस दौरान किसी प्रकार के जान-माल व खेत या फसल को नुकसान नही पहुंचाया।

हाथी के विचरण करने की सूचना मिलने पर कुछ ग्रामीणों ने हाथी को सुरक्षित क्षेत्र की तरफ खदेड़ दिया था, जिसके बाद अब बुधवार सुबह हाथी को निंदी केराई नामक महिला के खेत में मृत पाया गया है।

मृत हाथी की शव माटगुटु से लगभग आधा किलोमीटर दूर खेत में पाया है। कुछ ग्रामीण यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि हाटगम्हरिया जगन्नाथपुर एनएच 75 किनारे स्थित करंजिया जंगल से यह हाथी क्रशर होते हुए छोटामहुलडीहा गांव के रास्ते कासिरा गांव की तरफ आ गया होगा। 

वहीं यह भी जानकारी मिली है कि हाथियों का एक झुंड हाटगम्हरिया प्रखंड क्षेत्र के कुस्मिता जंगल में डेरा डाले हुए है। कुस्मिता जंगल से करंजिया जंगल के रास्ते हाथियों का आवगमन कभी भी होता है।

हो सकता है यह हाथी किसी झुंड से बिछड़ गया होगा। या फिर यह भी हो सकता है कि हाथी काफी दिनों से बीमार रहा हो। हाथी के मृत होने के कारणों की अभी आधिकारिक पुष्टि नही हुई है।

इधर, माटगुटु के खेत में नर हाथी का शव पाये जाने की सूचना कासिरा पंचायत के मुखिया विमलकिशोर कोड़ा को भी ग्रामीणों द्वारा दे दी गई है।

जानकारी हो कि धान की खेती के समय में हाथियों का झुंड अक्सर ओडिशा राज्य क्षेत्र व झारखंड राज्य के विभिन्न जंगलों से निकलकर भोजन की तलाश में गांव तथा गांव के आसपास खेतो में आ जाते है। धान के फसल के साथ साथ जान-माल को भी काफी नुकसान पहुंचाते हैं।