भोपाल  ।  मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित कारम बांध के बीते साल टूटने के बाद केंद्रीय जल आयोग प्रदेशभर के बांधों की जांच करवा रहा है। इसमें प्रदेश में तीन ऐसे बांध पाए गए हैं, जिनके ढहने का खतरा है। इसमें नर्मदापुरम जिले में वर्ष 1981 में बना खोरीपुरा बांध, विदिशा जिले में वर्ष 1976 में बना सम्राट अशोक सागर बांध (हलाली बांध) और सागर जिले में वर्ष 1992 में बना नयाखेरा टैंक बांध शामिल है। आयोग की टीम ने इनका निरीक्षण किया था और इनकी स्थिति को लेकर चेतावनी दी है। इन तीनों बांधों को केंद्रीय जल आयोग ने जोखिम की श्रेणी-एक में रखा है और जल संसाधन विभाग को डैम सेफ्टी एक्ट-2021 के तहत जारी गाइडलाइन अनुसार बांधों की मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं। इन तीनों बांधों में दरारें बताई गई हैं और पानी का लगातार रिसाव हो रहा है। यह आगामी वर्षाकाल में संकट बन सकता है। इधर, मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता बोधी अनिल सिंह ने तीनों बांधों से संबंधित धसान केन बेसिन सागर, चंबल बेतवा बेसिन भोपाल एवं होशंगाबाद बेसिन के मुख्य अभियंताओं को इन तीनों बांधों की मरम्मत करने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए कहा है।

कारम बांधः टूटने के छह माह बाद भी नहीं शुरू हुआ निर्माण कार्य

कारम बांध टूटने के छह माह बाद भी बांध के पुनर्निर्माण बनाने का काम शुरू नहीं किया गया है। 12 अगस्त, 2022 को बांध से पानी का रिसाव होने लगा था। जिससे स्थिति चिंताजनक हो गई थी। पाल के बड़े हिस्से को तोड़कर पानी बहा दिया गया और स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया। मामले में आठ इंजीनियरों को निलंबित किया गया है। बता दें कि वर्ष 2018 में 304 करोड़ रुपये की लागत से कारम बांध बनाने का कार्य शुरू हुआ था और अगस्त, 2022 में बांध में दरार आ गई।

कैग की रिपोर्ट में गांधी सागर बांध टूटने की दी गई थी चेतावनी

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में वर्ष 1960 में बने मंदसौर जिले के गांधी सागर बांध को लेकर चेतावनी दी गई थी कि जल्द ही बांध की मरम्मत नहीं कराई गई तो उसका टूटना तय है। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश के आठ जिलों की 40 लाख की आबादी को खतरा बताया गया था। बांध की मरम्मत और सुधार को लेकर बांध सुरक्षा निरीक्षण पैनल की अनुशंसाएं 12 वर्ष से मध्य प्रदेश-राजस्थान और केंद्र सरकार के विभागों में धूल खा रही हैं।

इनका कहना है

वर्षा ऋतु के पहले और बाद में प्रदेश के बांधों की वस्तुस्थिति के साथ एक निरीक्षण प्रतिवेदन केंद्रीय जल आयोग को भेजा जाता है। यह प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष की जाती है। गलती से इन तीन बांधों को जोखिम की श्रेणी-एक में रख दिया होगा, जिससे भ्रम की स्थिति हुई है और आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इसे ढहने योग्य बता दिया। हम रिपोर्ट में सुधारकर आयोग को इससे अवगत कराएंगे।

-एसएन मिश्रा, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग, मध्य प्रदेश

प्रदेश के सभी बांध बेहतर स्थिति में है। वर्षा ऋतु के पहले और बाद में बांधों का निरीक्षण प्रतिवेदन केंद्रीय जल आयोग को भेजा जाता है। त्रुटिवश इन बांधों की गलत रिपोर्ट भेज दी होगी। हम अधिकारियों से बात कर इसे पुन: सुधारकर आयोग को भेजेंगे। कारम बांध का शीघ्र ही गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराया जाएगा।

- तुलसी सिलावट, मंत्री, जल संसाधन विभाग