राजधानी में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद अधिक बिजली बिल आने से उपभोक्ता परेशान हैं। कई लोग बढ़ी हुई बिजली बिल में सुधार के लिए महीनों से बिजली कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इसके बाद भी बिजली बिल में सुधार नहीं हो रहा है, जिससे लोगों में बिजली विभाग के प्रति काफी नाराजगी है।

मीटर की जांच होने के बावजूद बढ़कर आ रहा बिजली बिल

वहीं झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा स्मार्ट मीटर की क्रमवार जांच की गई है, जिसमें स्मार्ट मीटर की रीडिंग को सही पाया गया है। बावजूद इसके उपभोक्ताओं के घरों में पहुंचने वाला बिजली बिल बढ़कर आ रहा है। राजधानी के पुंदाग, डोरंडा, कोकर, हिंदीपीढ़ी, अपर बाजार समेत कई बड़े इलाकों में स्मार्ट मीटर से अधिक बिजली बिल के मामले सामने आ रहे हैं।

प्रीपेड स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में बदलने की कवायत शुरू

बता दें कि झारखंड की राजधानी रांची में जीनियस कंपनी द्वारा अब तक एक लाख 20 हजार स्मार्ट मीटर घरों में लगाई जा चुकी है , जिसमें से पहले फेज में बिजली विभाग द्वारा 2700 स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में बदलने का काम किया गया था। अब बचे हुए 1 लाख 17 हजार प्रीपेड स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में बदलने की कवायत शुरू हो चुकी है। यह एक लाख 17 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर को 2 अक्टूबर तक प्रीपेड मोड में बदल दिया जाएगा।

अवैध वसूली के मामले आ चुके हैं सामने

शहर में स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान जीनियस कंपनी द्वारा कई क्षेत्र में अवैध पैसे की वसूली का मामला भी सामने आ चुका है। कई उपभोक्ताओं ने कहा कि स्मार्ट मीटर की जगह पर पुराना बिजली मीटर लोगों के घरों में दोबारा लगा दिया जाए। स्मार्ट मीटर की सेवा जबरन उपभोक्ताओं में थोपी जा रही है। यह सुविधा के नाम पर लोकतंत्र की हत्या है क्योंकि कई उपभोक्ता स्मार्ट मीटर की सेवा लेना नहीं चाहते हैं। बावजूद इसके बिजली विभाग द्वारा उनके घरों में जबरन स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने की वजह से उपभोक्ताओं के घर अधिक बिजली बिल पहुंच रहा है।