छत्तीसगढ़ में खाद्य मंत्री के गृह जिले अंबिकापुर में ही उपभोक्ता आयोग दो साल से बंद है। आयोग में न तो अध्यक्ष हैं और न ही सदस्य। दोनों की नियुक्ति प्रक्रिया को एक साल पहले ही पूरा कर लिया गया है, इसके बावजूद उनकी तैनाती आदेश जारी नहीं हुआ है। इसके चलते एक ओर जहां पुराने मामले लंबित पड़े हुए हैं, वहीं नए की भी सुनवाई नहीं हो पा रही है। 

दरअसल, सरगुजा उपभोक्ता आयोग के अंतर्गत सरगुजा जिले के साथ बलरामपुर जिला भी संबंद्ध है। यहां अध्यक्ष का पद एक जून 2021 से रिक्त है। वहीं दोनों सदस्यों का पद 22 जनवरी 2021 से रिक्त है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए सितंबर 2020 से ही प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। दो बार विज्ञापन में तकनीकी त्रुटि के कारण प्रक्रिया निरस्त हो गई। तीसरी बार नवंबर 2021 में शुरू की गई। चयन समिति ने 8 और 9 जनवरी 2022 को इंटरव्यू से प्रतिभागियों का चयन कर लिया। इस चयन समिति में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, मुख्य सचिव के प्रतिनिधि और खाद्य सचिव शामिल थे। 

जिला उपभोक्ता आयोग के रिक्त पदों पर साक्षात्कार के एक साल बाद भी नियुक्ति नहीं होने के विरोध में सरगुजा सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस संस्था ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। संस्था के अध्यक्ष अधिवक्ता डीके सोनी ने कहा कि उपभोक्ता न्याय व्यवस्था को जान बूझकर वर्षों से अवरुद्ध किया जाना न्यायोचित नहीं है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या 25 जनवरी को देश के राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के नाम हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपेंगे।