नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में नई सरकार बनाकर एक बार ‎‎‎फिर प‎रिवारवाद के आरोपों से ‎घिरने जा रही है। जहां खड़के के बेटे को मंत्री बनाया जा रहा है वहीं ‎शिवकुमार के पास दो पद हैं। यहां सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के अलावा आठ विधायकों को मंत्री बनाया जा रहा है। कांग्रेस द्वारा जारी की गई लिस्ट में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे का  नाम भी शामिल है। इस तरह से नई सरकार के गठन के साथ कांग्रेस आरोपों से घिरने वाली है। देश की सबसे बड़ी पुरानी पार्टी को फिर एकबार परिवारवाद के आरोपों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए संकल्पों को भी त्याग करने के आरोप लगेंगे। उदयपुर नव संकल्प के तहत पार्टी में बड़े सुधारों को लागू करने का ऐलान किया गया था। इसमें एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार को एक टिकट जैसे संकल्प शामिल हैं। हालांकि इसमें बड़े नेताओं के बेटों के लिए रास्ता बनाकर रखा गया। एक परिवार एक टिकट के बावजूद बड़े नेताओं के बेटों को टिकट देने के लिए पांच साल तक पार्टी में काम करने की शर्त रखी गई। प्रियांक खड़गे इन शर्तों को तो भले ही पूरा कर रहे हैं, लेकिन परिवारवाद के आरोपों से बचना मुश्किल होगा। भाजपा वर्षों से कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगाती रही है। वहीं, इसे गांधी परिवार के पॉकेट की पार्टी बताती है। 
कांग्रेस पार्टी डीके शिवकुमार को कर्नाटक का उपमुख्यमंत्री तो बना ही रही है, उनके पास प्रदेश अध्यक्ष का भी पद बना रहेगा। कांग्रेस ने उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में एक व्यक्ति एक पद का संकल्प लिया था। लेकिन डीके शिवकुमार के शपथ लेते ही कांग्रेस पर अपने संकल्पों को नजरअंदाज करने के आरोप लगेंगे। आपको बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के दौरान जब अशोक गहलोत का नाम उछला था, उस समय भी इस संकल्प की दुहाई दी गई थी। बाद में उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। आज कांग्रेस विधायक डॉ. जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जारकीहोली, प्रियांक खड़गे, रामलिंगा रेड्डी और बीजेड जमीर अहमद खान को मंत्रा बनाया जाएगा। ऐसी चर्चा है कि बाद में कैबिनेट का विस्तार होगा, जिसमें सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के खेमे के विधायकों को बराबर की संख्या में तरजीह दी जाएगी।