जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के आपसी विवाद और बयानबाजी से पार्टी आलाकमान नाराज है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मंत्रियों की बयानबाजी पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। रंधावा ने इस बारे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से रिपोर्ट मांगी है। रंधावा ने कहा,मंत्रियों की एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी ठीक नहीं है। रंधावा ने सीएम से कहा है कि आपके मंत्रियों को नियंत्रित (कंट्रोल) करिए। मंत्रियों को नियंत्रित करना सीएम का काम है।

रंधावा ने आपस में मंत्रियों के मतभेदों को सार्वजनिक मंच पर रखने से बचने की हिदायत दी। इस बीच सीएम ने मंत्रियों को सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की हिदायत दी है। इसके बाद हमलावर नजर आ रहे खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के नरम हुए हैं। एक दिन पहले खाचिरयावास ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को भाजपा कार्यकर्ता तक बता दिया था। अब खाचरियावास ने उस मुद‌्दे पर चुप्पी साध ली है।

दरअसल, खाचरियावास ने गुरुवार को उदयपुर में कहा था कि जयपुर बहुत बड़ा शहर है, लेकिन पिछड़ रहा है। प्रदेश में स्मार्ट सिटी में चार शहर कोटा, अजमेर, जयपुर और उदयपुर लिए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ जयपुर है। मैं कुछ नहीं कर सकता हूं। जयपुर के तीन-तीन मंत्री और छह-छह विधायक है। यही सबसे बड़ी समस्या है। यदि ये नहीं होते तो काम समय पर हो जाता।

मंत्री और विधायकों में आपसी विवाद रहने के कारण काम अटक जाते हैं। इस पर खाचरियावास ने कहा था कि धारीवाल कांग्रेस को हराना चाहते हैं। उन्हे शर्म आनी चाहिए। उन्हे माफी मांगनी चाहिए।उन्होंने कहा था कि धारीवाल ने जिस तरह की भाषा बोली उससे लग रहा है कि उनके नेता सोनिया गांधी और गहलोत नहीं,बल्कि भाजपा के दिग्गज हैं। धारीवाल भाजपा के कार्यकर्ता बनकर बात कर रहे रहे थे।