चंडीगढ़। कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा के सत्र से आज न सिर्फ पहले वॉक आउट किया बल्कि विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने घोषणा कर दी कि वह सदन का बायकॉट कर रहे हैं। बाजवा ने कहा कि सरकार ने केवल अपने अहम की तुष्टीकरण के लिए यह सत्र बुलाया है। इससे कुछ भी नहीं निकलने वाला क्योंकि सरकार की नियत का इसी से पता चलता हैं कि पंजाब विधानसभा के इतिहास में यह पहला ऐसा मौका हैं जब बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक नहीं हुई।

राज्यपाल को भी बीएसी की बैठक के बारे में जानकारी नहीं

बाजवा ने कहा कि सरकार ने न सिर्फ पंजाब के लोगों को बल्कि राज्यपाल को भी धोखे में रखा क्योंकि स्पीकर ने राज्यपाल को लिखित में जवाब दिया था कि बीएसी की बैठक के बाद उन्हें सत्र के बिजनेस के बारे में जानकारी दी जाएगी। जब बीएसी की बैठक हुई तो राज्यपाल को भी जानकारी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार कभी राज्यपाल के साथ पेंच फंसा कर बैठ जाती है तो अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ पेंच फंसा रही है।

ऑपरेशन लोटस पर सरकार ने नहीं दिया जवाब

कांग्रेस शुरू से ही इस बात का समर्थक करती हैं कि दरबार साहिब से प्रसारित होने वाले गुरबाणी को फ्री में सब तक पहुंचना चाहिए लेकिन इसका कानूनी हल होना चाहिए। सरकार इस पर बिल ला रही हैं लेकिन अगर एसजीपीसी इस बात को नहीं मानती तो फिर क्या होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही गुरु नानक देव जी के 550 प्रकाश पर्व के मौके पर ऐसा प्रस्ताव एसजीपीसी को भेज चुकी हैं। विपक्ष के नेता ने कहा की पिछले साल सितंबर माह में ऐसे ही सरकार ने ऑपरेशन लोटस को लेकर के सत्र बुलाया था। 3:30 घंटे तक इस पर बहस हुई।

सदन से प्रश्नकाल और शून्य काल को किया खत्म

मुख्यमंत्री भगवंत मान को दो बार इस मुद्दे पर बोले। इसके बावजूद आज तक इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ। जब सदन में स्पीकर से ऑपरेशन लोटस को लेकर एक्शन टेकन रिपोर्ट रखने की बात कही गई तो वह भ्रमित कर रहे हैं। वहीं, सरकार ने प्रश्नकाल और शून्य काल को ही खत्म कर दिया। जोकि विपक्ष का अधिकार होता हैं। ऐसा सदन जहां पर विपक्ष को सम्मान ही नहीं दिया जाता वहां पर कांग्रेस कैसे सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले सकती है, क्योंकि सरकार ने विधान सभा की सारी मर्यादा को तोड़ दिया हैं।

बीजेपी भी सदन की कार्यवाही में नहीं होती शामिल

विपक्ष को जब यही नहीं पता कि आज कामकाज क्या होने वाला है तो वह क्या तैयारी करके आएगी। वहीं, कांग्रेस के विधायकों ने आज विधानसभा की हाजिरी रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए। बाजवा ने कहा कि कांग्रेस का कोई भी विधायक विधानसभा से आज का टीए-डीए क्लेम नहीं करेगा। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा की हुई है।

कानूनी पेंचीदगियों में फंस सकते हैं बिल

बाजवा ने कहा कि सरकार दी पंजाब यूनिवर्सिटीस ला (संशोधन) बिल और दी पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल लेकर आई हैं। यह बिल कानूनी पेचींदगियों में फंसेंगे। क्योंकि पंजाब सरकार यूनिवर्सिटी में वीसी लगाने के लिए अधिकार मुख्यमंत्री को देने का बिल तो पास करवा सकती हैं लेकिन जहां पर यूजीसी का फंड आता हैं, वहां पर तो केंद्र के ही नियम लागू होंगे। वहीं, डीजीपी के लिए जो सरकार ने संशोधन बिल पेश किया, उसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं की यूपीएससी को पैनल भेजना होता हैं। सरकार इस तरह का काम करके लोगों को केवल गुमराह कर रही हैं।