भोपाल  ।  मध्‍य प्रदेश में आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों का सरकार राजनीतिकरण कर रही है। समूहों की सदस्यों पर दबाव डालकर भाजपा के कार्यक्रमों में भेजा जाता है। विद्यार्थियों को गणवेश समूहों के ठेकेदार दे रहे हैं। गोशाला के संचालन का काम ठप हो गया है। समूहों से 12 के स्थान पर 24 प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जा रहा है । नियुक्तियों में भी गड़बड़ियां हुई हैं। यह आरोप पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने लगाए। वहीं, आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एमएल बेलवाल ने आरोपों को निराधार बताया। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई पत्रकारवार्ता में पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने जब आजीविका मिशन की शुरुआत की थी तो यह निर्देश थे कि 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज समूह सदस्य से नहीं लिया जाएगा। भाजपा सरकार और अधिकारियों ने 24 प्रतिशत ब्याज वसूला। पोषण आहार संयंत्र करोड़ों रुपये के घाटे में चल रहे हैं।

कांग्रेस के अनुसार विद्यार्थियों को गणवेश तक नहीं मिल रहे हैं। समूहों के नाम पर ठेकेदार काम कर रहे हैं। विदिशा में आजीविका मिशन में अधिकारी दोषी भी पाए गए पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एमएल बेलवाल को लेकर कई शिकायतें हैं पर उन्हें अब तक नहीं हटाया गया है। वे 12 वर्ष से मिशन में जमे हुए हैं। भर्तियों में गड़बड़ियों की बात भी सामने आई पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों के नाम पर हुई गड़बड़ियों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। वहीं, मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एमएल बेलवाल का कहना है कि सभी आरोप निराधार हैं। ब्याज की दर 24 प्रतिशत कहीं नहीं वसूली गई। हम किसी को भी राजनीतिक कार्यक्रमों में नहीं भेजते हैं। समूह स्वतंत्र हैं और वे आजीविका से संबंधित कार्यों से जुड़े हैं।