जयपुर । राजस्व मण्डल अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने आरआरटीआई सभागार में त्रिदिवसीय निर्णय लेखन कार्यशाला के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राजस्व एवं प्रशासनिक क्ष़ेत्र में दायित्वों की पूर्ण निष्ठा प्रतिबद्धता लोकोन्मुखी एवम निष्ठापूर्ण क्रियान्विति के बगैर जवाबदेह एवं पारदर्शी प्रशासन की कल्पना अधूरी है। उन्होंने कहा कि आज के परिपेक्ष में राजस्व प्रशासन के समक्ष कई वर्षों से लंबित प्रकरणों की सूची का न्यूनीकरण करना सबसे बड़ी चुनौती हैं। राजस्व अधिकारियों को चाहिये कि वे अन्य कार्यों की भांति राजस्व न्यायालयों को भी पूरी प्राथमिकता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि त्रुटिविहीन निर्णयों से ही राजस्व अदालतों में अपीलों की संख्या में कमी लायी जा सकती हैं। राजस्व अदालतों को चाहिये कि राजस्थान काश्तकारी अधिनियम राजस्व भू राजस्व अधिनियम एवं व्यवहार प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों की अक्षरश: पालना करते हुए प्रकरणों का निस्तारण करें। न्यायालय का आदेश स्पीकिंग ऑडर हो। यदि कोई आदेश ओवर रूल किया गया है तो उसका स्पष्ट कारण भी लिखा जाए। मण्डल अध्यक्ष ने कहा कि अदालतों के पीठासीन अधिकारियों में उत्तरदायी होने का भाव जागृत करने की आवश्यकता हैं जो भी निर्णय लिखा जाये उसका अधिकारी पहले स्वयं मूल्यांकन करें।