पीजीआई में मरीजों को जेनेरिक की जगह ब्रांडेड दवाइयां लिखने की बार-बार शिकायतें मिलने पर पीजीआई निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने नए निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत जरूरतमंद मरीजों को सस्ती और जेनेरिक दवाइयां मिल पाएंगी। प्रोफेसर विवेक लाल ने पीजीआई के सभी विभागों के हेड आफ द डिपार्टमेंट को यह निर्देश जरिये किये हैं कि ओपीडी व अन्य विभाग में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ब्रांडेड की जगह जेनेरिक दवाइयां लिखी जाए ताकि, मरीजों को सस्ती दवाइयां जेनेरिक दवाइयां मिल सके और ब्रांडेड व महंगी दवाइयों के कारण मरीजों का इलाज प्रभावित न हो।

डॉक्टरों द्वारा महंगी दवाइयां लिखे जाने की मिली शिकायतें

बता दें, पीजीआई के न्यू ओपीडी में इलाज के लिए रोजाना औसतन 10 हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। ये मरीज पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल, जम्मू कश्मीर और देश के अन्य राज्यों से इलाज के लिए आते हैं। पीजीआई में अक्सर मरीजों को ब्रांडेड और महंगी दवाइयां लिखने का मामला शिकायतों के जरिए बार-बार सामने आता रहा है। यहां तक कि देखने में आया है कि कई बार पीजीआई में डॉक्टर मरीजों को जो दवा लिखते हैं वह पीजीआई एक केमिस्ट शॉप पर जिस मूल्य पर मरीजों को उपलब्ध कराई जाती है वह बाजार में 30 से 40 रुपए सस्ती दर पर उपलब्ध होती है।

शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में जारी किए निर्देश

स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने बीते मार्च में शहर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को ओपीडी व विभाग में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ब्रांडेड की जगह जेनेरिक दवाइयां लिखने के निर्देश दिए थे। यहां तक कि सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को यह भी निर्देश दिए थे कि अगर मरीजों को जेनेरिक दवाइयां नहीं लिखी जा रही है तो ब्रांडेड दवाइयां लिखे जाने पर इसका एक रिकॉर्ड तैयार किया जाए लेकिन स्वास्थ्य सचिव के निर्देशों के बावजूद मरीजों को धड़ल्ले से ब्रांडेड दवाइयां लिखी जा रही है। यहां तक की जीएमएसएच 16 और जीएमसीएच 32 में स्थित चुनिंदा केमिस्ट संचालकों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को पर्ची पर कोडवर्ड में ब्रांडेड दवाइयां लिख रहे हैं जो कि कुछ चुनिंदा केमिस्ट शॉप पर ही उपलब्ध होती हैं।