धार ।   धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई, बिक्री और परिवहन के संबंध में प्रकाशित रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए  मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए गए थे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि मामले की जांच और बाओबाब पेड़ के संरक्षण के लिए कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। युगलपीठ ने कमेटी की अनुशंसा पर सरकार को एक सप्ताह में निर्णय लेने के निर्देश दिए है।गौरतलब है कि धार जिले में बाओबाब के पेड़ को काटने, बिक्री करने और परिवहन की अनुमति दिए जाने संबंधित एक अंग्रेजी अखबार में खबर प्रकाशित हुई थी। खबर में कहा गया था कि क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं। बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गई है। अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बडा महत्व है। हैदराबाद के एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बेच रहा है।

एक पेड़ का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है। जिसके कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ को बेचने के लिए काट रहे हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए उसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने संज्ञान याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेड़ की कटाई, बिक्री और परिवहन पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त, सीसीएफ इंदौर, कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत को नोटिस कर जवाब मांगा था। याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान उक्त जानकारी सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पेश की गई। युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी करते हुए याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई निर्धारित की है।