भोपाल।  प्रदेश में स्कूली शिक्षा को बेहरत बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सीएम राइज स्कूल बनवा रही है। प्रदेश में 274 सीएम राईज स्कूल बनाए जाने के लिए 10,490 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इनमें से 125 के लिए अभी टेंडर जारी हो पाए हैं। लेकिन विडंबना यह है कि अधिकांश सीएम राइज स्कूल जमीनी विवाद में अटक गए हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना के लिए अफसरों ने जिलों में जो जमीन आवंटित की है वह कहीं जंगल, कहीं खेल मैदान, कहीं दलदल तो कहीं खंती में है। ऐसे में सीएम राइज स्कूलों को बनाने की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में 274 सीएम राईज स्कूल बनाए जाने के लिए 10,490 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इनमें से 125 के लिए अभी टेंडर जारी हो पाए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 77 स्कूलों का भूमिपूजन कर चुके है जहां 2 हजार 960 करोड़ 41 लाख रुपए खर्च कर स्कूल भवन तैयार किए जा रहे है। 47 स्कूलों में भूमि पूजन के बाद एक हजार 719 करोड़ रुपए खर्च कर निर्माण कार्य शुरु कर दिए गए है। लेकिन अधिकांश जगह स्कूलों का मामला अधर में लटका हुआ है।
गौरतलब है कि प्रदेश में 274 सीएम राईज स्कूल चिन्हित किए गए है। इनमें कई स्कूलों में जमीनों को लेकर विवाद है। जहां विवाद की स्थिति होंने के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहे है। झाबुआ में एक, खंडवा में एक, उज्जैन में दो, ग्वालियर में एक, गुना में एक, विदिशा में एक, उज्जैन में दो, झाबुआ में एक, खंडवा में एक स्थान पर सीएम राईज स्कूल के लिए आवंटित भूमि पर विवाद की स्थिति है इसके कारण निर्माण कार्य शुरु नहीं हो पा रहे है। राज्य सरकार प्रदेश में सीएम राईज स्कूल बना रही है ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा और संसाधन मिल सके लेकिन इन स्कूलों के लिए कहीं दलदली भूमि तो कहीं तालाब की जमीन और कहीं कचरा रखने की जगह तो जंगल की जमीन और कहीं खेल मैदान की जमीन ही इसके लिए आवंटित कर दी है इसके चलते यहां सीएम राईज स्कूल के लिए भूमि पूजन नहीं हो पा रहा है।
दरअसल, अफसरों ने बिना जांचे परखे ही जमीनों का आवंटन कर दिया। गुना जिले में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फतेहगढ़ में सीएम राईज स्कूल के लिए पीआईयू को जो जमीन आवंटित की गई वह दलदली है इसलिए वहां भूमि पूजन नहीं हो पा रहा है। झाबुआ के शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को ऐसी जमीन बांट दी गई जहां साइट पर तालाब है। इसी तरह उज्जैन में शासकीय महाराजवाड़ा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक तीन को जो जमीन दी गई उसमें साइट पर तालाब बना हुआ है। विदिशा में शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिरोंज के लिए जो जमीन दी गई उसका उपयोग जनता खेल मैदान के रूप में कर रही है। इसलिए वे भूमि को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करना चाहते है। सागर में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बांदरी में स्कूल के लिए आवंटित जमीन के अंदर वन भूमि निकली है। इसलिए वहां सीएम राइज स्कूल का निर्माण नहीं हो पा रहा है। शासकीय महाराजवाड़ा उमावि क्रमांक तीन उज्जैन में साईट पर तालाब है और शहर से दूर है। उज्जैन में शासकीय उमावि जाल सेवा निकेतन को दी गई जमीन का उपयोग खेल मैदान के रूप में हो रहा है। गुना के फतेहगढ़ में शासकीय उमावि के लिए दलदली भूमि दे दी गई है। डबरा के शासकीय मॉडल उमावि स्कूल के निकट राजमार्ग है। सागर के शासकीय उमावि एमएलबी नंबर एक में स्थानीय जनता विरोध कर रही है।
विदिशा जिले में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरईपुरा में ऐसी जमीन आवंटित कर दी है जो कचरा भरने की साइट के रूप में उपयोग हो रही है। ऐसे में यहां नई भूमि की जरुरत है। भोपाल के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोविंदपुरा को जो जमीन दी गई वह अपर्याप्त है। उज्जैन में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जीवाजीगंज के लिए जो जमीन दी गई वह अपर्याप्त है। शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किल्लोद के लिए तो भूमि का आवंटन ही नहीं हो पाया है। मुरैना में शासकीय हाई स्कूल सूरजनपुर के लिए भूमि का चिन्हांकन और आवंटन नहीं हो पाया है। छतरपुर में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चांदला में साईट के उपर 765 केवीए एचटी लाईन जा रही है ग्वालियर में शासकीय मॉडल उमावि डबरा में साईट के निकट राजमार्ग है। इसके चलते यहां सीएम राईज स्कूल का भूमिपूजन नहीं हो पा रहा है।