जयपुर। धौलपुर में विद्युत निगम के सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता के साथ की गई मारपीट के मामले में भी सीएम अशोक गहलोत ने सख्त कदम उठाते हुये लापरवाही बरतने पर पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा को उनके पद से हटा दिया है। उनकी जगह आईपीएस नारायण टोगस को एसपी लगाया गया है। सीएम गहलोत ने एसे मामलों में लापरवाही बरते जाने पर ब्यूरोक्रेसी को सख्त संदेश देते हुये इस प्रकरण में बाड़ी पुलिस उपाधीक्षक बाबूलाल मीणा और बाड़ी कोतवाली थानाप्रभारी विजय सिंह मीणा को भी निलंबित कर दिया है। सीएम गहलोत ने इससे केवल इस मामले में ही नहीं बल्कि दौसा के लालसोट कस्बे में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड केस में भी काफी कड़ाई दिखाई है।
 सीएम ने डॉ अर्चना शर्मा सुसाइड केस में दौसा पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल को भी हटा दिया है। वहीं इसके साथ ही लालसोट डीएसपी शंकरलाल मीणा को एपीओ करके लालसोट थानाप्रभारी अंकित चौधरी को सस्पेंड कर दिया है। मुख्यमंत्री निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने दोषियों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने कहा कि कार्मिकों के साथ मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मठ अधिकारियों-कर्मचारियों को पूरा संरक्षण देगी और ऐसी घटनाओं के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस प्रकरण में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने और उचित कार्रवाई की मांग को लेकर वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार शाम गहलोत से सीएमआर में मुलाकात की थी। वहीं सीएम गहलोत ने खुद भी सवाई मानसिंह अस्पताल के पॉलीट्रोमा आईसीयू में भर्ती घायल सहायक अभियंता हर्षदापति की कुशलक्षेम पूछी और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य एवं उपचार के बारे में पूरी जानकारी ली। इस दौरान सीएम ने मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
  उसके बाद गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि ”कोविड के दौरान बिजली जैसी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े राजकीय कर्मचारियों ने अपना जीवन दांव पर लगाकर प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे कार्मिकों के साथ मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है। गहलोत ने कहा कि पुलिस के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मामले में दोषियों की अतिशीघ्र पहचान कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्तव्य निर्वहन कर रहे राजकीय कार्मिकों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उल्लेखनीय है कि बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय में सोमवार दोपहर को दर्जनभर लोगों ने घुसकर एईएन हर्षदापति और जेईएन नितिन गुलाटी के साथ बेरहमी से मारपीट कर दी थी। अधिकारियों की पिटाई होता देख निगम कार्यालय में मौजूद दूसरे कर्मचारी भाग खड़े हुए। दोनों अधिकारियों की पिटाई करने के बाद आरोपी विद्युत निगम कार्यालय से भाग गए।
 आरोपियों के भाग जाने के बाद निगम के कर्मचारी कार्यालय में पहुंचे। वहां मारपीट में गंभीर रूप से घायल पड़े दोनों अधिकारियों को एंबुलेंस की मदद से जिला चिकित्सालय ले जा गया था। बताया जा रहा है कि निगम कार्यालय में हुई मारपीट के बाद दोनों अधिकारी सहमे गये थे। उन्होंने घटना के बाद हमलवारों को पहचानने से इंकार कर दिया था।