• कर्नाटक के चुनावी सर्वे में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत
  • कांग्रेस को 115 से 130, भाजपा को 68 से 80 सीटों का अनुमान

बेंगलुरु। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 10 मई को एक ही चरण में चुनाव होना है। 13 मई को परिणाम सामने आ जाएंगे। इस बार भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटक में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर कर्नाटक का चुनाव लड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार कर्नाटक के दौरे कर रहे हैं। कर्नाटक के हर जिले में केंद्रीय मंत्रियों को दायित्व सौंपा गया है। कर्नाटक चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत छवि और लोकप्रियता भी कर्नाटक के चुनाव में दांव पर लगी है। विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस और जद एस के बीच मुख्य मुकाबला है। एबीपी न्यूज और सी वोटर के सर्वे में कांग्रेस को 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में 115 से लेकर 130 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा को 68 से 80 सीटों का अनुमान जताया गया है। जनता दल एस को 23 से 35 सीटें मिलने का अनुमान है।

भाजपा में गुटबाजी चरम पर
कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बीच में गुटबाजी चरम पर है। पूर्व मुख्यमंत्री येदुरप्पा नाराज चल रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ईश्वरप्पा ने चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है। अमूल और नंदिनी दूध को लेकर कर्नाटक में भावात्मक की लड़ाई छिड़ गई है। पहली बार कर्नाटक के भाजपा नेताओं ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस जेडीएस की सदस्यता ली है।  कर्नाटक विधानसभा का चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ा जा रहा है। भाजपा ने पिछले कई महीनों से यहां पूरी ताकत झोंक रखी है। चुनाव परिणाम यदि सर्वे के मुताबिक रहे, तो आगे चलकर प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत छवि पर इसका विपरीत प्रभाव पडऩा तय माना जा रहा है।

कांग्रेस को 40 फीसदी से ज्यादा वोट
सर्वे के अनुसार कांग्रेस को 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिलने की संभावना है। वहीं भाजपा का वोट घटकर 34 फ़ीसदी रहने की संभावना जताई गई है। जेडीएस को मात्र 17 फीसदी वोट मिलते हुए दिख रहे हैं। 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। 2018 के चुनाव में कांग्रेस और जद एस के गठबंधन की सरकार बनी थी। बाद में विधायकों के दलबदल के बाद कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनी थी।सर्वे में कहा गया है, कि कर्नाटक के चुनाव परिणाम हैरान करने वाले नतीजे देंगे। सर्वे मेंलगभग 25000 मतदाताओं को शामिल किया गया है। 50 फीसदी से अधिक  मतदाताओं ने वर्तमान भाजपा सरकार के कामकाज को खराब बताया है। मात्र 28 फीसदी मतदाताओं ने भाजपा सरकार के कामकाज को बेहतर बताया है। 22 फीसदी मतदाताओं ने सरकार का कामकाज औसत बताया है। दो अलग-अलग एजेंसियों द्वारा सर्वे किए गए हैं। दोनों के सर्वे परिणाम लगभग एक जैसे हैं। सर्वे में कांग्रेस और भाजपा के बीच में सीधा मुकाबला है। भाजपा को इस सर्वे में सबसे ज्यादा समर्थन सेंट्रल और पोस्टल कर्नाटक में मिलता हुआ दिख रहा है। 2018 के चुनाव की तुलना में यह कम है।