सदर अस्पताल में मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने के मुख्यालय रांची के आदेश को सिविल सर्जन धनबाद कार्यालय ने दरकिनार कर दिया गया है। सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से कैंटीन और मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए खुद से टेंडर निकाला गया है। टेंडर निकालने के बाद नई एजेंसी का भी चयन कर लिय गया है। मामला जब सामने आया तो धनबाद से लेकर रांची तक हड़कंप मच गया। दरअसल, सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा, मानव संसाधन, भोजन, स्वच्छता समेत अन्य कार्यों के लिए सरकार ने राज्य स्तर पर केंद्र एजेंसी का चयन किया हुआ है। 3 मई 2023 को सरकार के सचिव ध्रुव प्रसाद ने धनबाद सिविल सर्जन समेत राज्य के अन्य सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया, लेकिन पत्र की अवहेलना करते हुए 19 मई को सिविल सर्जन धनबाद कार्यालय से एजेंसी चयन के लिए अलग से टेंडर निकाल दिया गया।

मुख्यालय की चयनित एजेंसी से ही लेना है काम

सरकार के सचिव ध्रुव प्रसाद ने इस संबंध में पत्र लिखते हुए कहा है सरकार द्वारा चयनित एजेंसी से ही सरकारी अस्पतालों में विभिन्न आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम लेना है। इसके अलावा, किसी भी अन्य एजेंसी का चयन नहीं किया जा सकता है। बता दें कि सरकार के आदेश के महज 16 दिन के बाद ही सिविल सर्जन कार्यालय से अलग एजेंसी चयन के लिए टेंडर निकाल दिया गया। टेंडर की अंतिम तारीख 12 जुलाई शाम 5 बजे तक रखी गई। 14 जुलाई 2023 को सिविल सर्जन की अध्यक्षता में क्रय समिति ने एजेंसी का भी चयन कर लिया।
 
कुछ सदस्यों ने किया विरोध, तब खुला मामला 
 
मामले का खुलासा तब हुआ जब स्वास्थ्य विभाग के क्रय समिति में कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया। सदस्यों का कहना है सरकार ने पहले ही विभिन्न कार्यों के लिए एजेंसी का चयन किया हुआ है। ऐसे में, जिला स्तर पर अलग से एजेंसी का चयन करना गलत है। सूत्रों की माने तो कुछ सदस्यों ने अभी तक इस पर हस्ताक्षर भी नहीं किए हैं।

19 मई 2023 को स्थानीय स्तर पर निकाला गया था टेंडर

सिविल सर्जन कार्यालय ने 19 मई 2023 को स्थानीय स्तर पर टेंडर निकाला था। इसमें सामान्य मरीजों के लिए तीन समय के भोजन के लिए 100 रुपये निर्धारित किए गए थे। विशेष मरीजों को तीन समय के भोजन के लिए 125 रुपये निर्धारित किए गए। वहीं, कैंटीन और कर्मचारियों के लिए भी भोजन के लिए अलग से व्यवस्था करने को कहा गया। अब मामला मुख्यालय तक पहुंचा, तो जिले के अधिकारी भी सकते में आ गए हैं।