भोपाल । अगर आपको जादू की छड़ी मिल जाए तो दुनिया में कौन सा एक बदलाव करना चाहेंगे और क्यों? शहर में हर कार सफेद रंग की होती तो कैसा होता... इस तरह के सवाल नए सत्र में कक्षा तीसरी से लेकर आठवीं तक के बच्चों को नए सत्र में होमवर्क में पूछे जाएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों में कल्पनाशीलता और सृजन कौशल बढ़ाने के लिए इस तरह का प्रयोग सरकारी स्कूलों में किया जा रहा है। इसका फॉर्मेट भी जारी कर दिया गया है।
नए सत्र के लिए जो गतिविधियां तैयार की गई हैं उनमें यह ध्यान रखा गया है कि बच्चे खेल-खेल में पढ़ें और सीखें, उनमें सुझाव देने की प्रवृत्ति बढ़े। इससे वे सृजनात्मक चिंतन की ओर बढ़ेंगे। गणित को आसान बनाने के लिए गणितीय गणनाएं भी खेल-खेल में सिखाने की कोशिश की जाएगी। कविता के माध्यम से मौखिक गणित सिखाया जाएगा। इसमें रोचक सवाल भी शामिल किए गए हैं, जिनके उत्तर किसी किताब में नहीं मिलेंगे। बच्चे कल्पनाशीलता के आधार पर इन सवालों के जवाब देंगे। इस तरह के सवालों से संबंधित सैंपल भी जारी किए गए हैं।
स्कूली गतिविधियों में अखबारों और न्यूज सोर्स की मदद से बच्चों की समझ बढ़ाई जाएगी। खबरों के जरिए ओपिनियन और फैक्ट बताएंगे। इससे भाषा सुधारने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा सकारात्मक खबरों से यह समझाएंगे कि सकारात्मक घटना की शुरुआत कैसे हुई, कौन लोग शामिल हैं, उन्हें कैसी मुश्किलें आईं और वह समाधान तक कैसे पहुंचे। किन कोशिशों से यह सकारात्मक काम हो पाया और ऐसी घटनाएं जिंदगी पर कैसे असर डालती हैं।