मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरूआत की
जयपुर । मनरेगा की तर्ज पर प्रदेश में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की गई जयपुर के संस्थापक राजा जयसिंह की मां की याद में बनी खानिया की बावड़ी से इस योजना का शुभारंभ हुआ मुख्य कार्यक्रम आदर्श नगर स्थित अंबेडकर भवन में हुआ, जहां सीएम ने महिला श्रमिकों को जॉब कार्ड बांटे. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेवड़ी बांटने के बयान पर पलटवार करते हुए जनता की सेवा को सरकार की जिम्मेदारी बताया।
उन्होंने कहा कि रेवडिय़ां तो जोहरी बाजार में ठेले पर बिकती हैं यहां जनता को मुफ्त इलाज और रोजगार दिया जा रहा है, जो रेवडिय़ां नहीं बल्कि सरकार की जिम्मेदारी है इस दौरान उन्होंने अपील की कि पीएम मोदी देश में प्यार, भाइचारे और विश्वास से रहने की अपील करे साथ ही हिंसा बर्दाश्त नहीं करने की भी बात कहें। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि ऐसा कहने में पीएम को दिक्कत क्या है? सीएम गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना को ऐतिहासिक काम बताते हुए कहा कि इस योजना की शुरुआत आदर्श नगर विधानसभा से होने के चलते, आज पूरे राजस्थान के 240 नगर पालिकाओं के अंदर आदर्श नगर विधानसभा का नाम चला गया। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की सोच है कि ऐसे फैसले करो जिससे गरीब का भला हो. यही वजह है कि कच्ची बस्तियों को बसाने, उनको नियमन करने, वहां पानी, बिजली, सड़क जैसे काम कांग्रेस के शासनकाल में ही हुए हैं. कच्ची बस्तियों को लेकर कई बार वाद-विवाद भी होता है. लेकिन इक्का-दुक्का दलाली करने वाले या प्लॉट कब्जा करने वालों को छोड़ दें, तो कच्ची बस्तियों में वही बसता है जो मजबूर है. सरकार आने के बाद जो फैसले लिए हैं, उनमें एक अहम फैसला ये है कि जो कच्ची बस्ती नियमन से बच गई है, उनका नियमन किया जाए। प्रशासन शहरों के संग अभियान में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के अधिकारी, चुने हुए बोर्ड, पार्षद गण, मेयर टारगेट बनाकर अपने क्षेत्र में पट्टे लेने के हकदार लोगों को पट्टे दिलवाएं. इसको लेकर कई संशोधन भी किए गए हैं, ताकि किसी को भी पट्टा लेने में तकलीफ न आए. यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी बेईमानी कर रहा है, पट्टे नहीं दे रहा है, पट्टे देने में आनाकानी कर रहा है या उसका निजी स्वार्थ है. इन लोगों की पार्षद, मेयर, एमएलए मिलकर सूची बनाएं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दोषी पाए जाने पर उन्हें सस्पेंड या उन्हें बर्खास्त भी कर सकते हैं. कांग्रेस नहीं चाहती कि जनता के हितों के कार्य में कोई रोड़ा अटकाए।