प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्याकांड की तफ्तीश में जुटे पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) की विवेचना अंतिम दौर में पहुंच गई है। अब तक की जांच में माफिया अतीक-अशरफ के हत्यारोपित लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या पर लगे आरोप सही पाए गए हैं।

एसआइटी को तीनों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं, जिसके आधार पर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी शुरू हो गई है। 15 जुलाई को हत्याकांड के तीन माह हो जाएंगे और इससे पहले ही शूटरों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया जाएगा। इसके बाद अदालत में मुकदमे का ट्रायल शुरू होगा।

15 अप्रैल की रात मोती लाल नेहरू (काल्विन) अस्पताल में बांदा निवासी लवलेश तिवारी, हमीरपुर के सनी सिंह और कासगंज के अरुण मौर्या ने अतीक व अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सनसनीखेज वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया था, जब दोनों भाई पुलिस अभिरक्षा में थे। इस हत्याकांड से पूरे प्रदेश में खलबली मच गई थी।

इंस्पेक्टर धूमरगंज राजेश मौर्या की तहरीर पर तीनों आरोपितों के खिलाफ शाहगंज थाने में मुकदमा लिखा गया। एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र की अध्यक्षता में एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी, इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी।

विवेचना शुरू करते ही एसआइटी ने आरोपितों को पांच दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) लेकर लंबी पूछताछ की थी। साथ ही उनकी निशानदेही पर दो मोबाइल बरामद किया। विधि विज्ञान प्रयोगशाला से विसरा, असलहा और फुटेज की रिपोर्ट को विवेचना में शामिल किया गया।

अभिरक्षा में लगे पुलिसकर्मी, वास्तविक मीडियाकर्मी समेत अन्य लोगों को बयान अंकित किए गए। सूत्रों का कहना है कि एसआइटी की जांच में लवलेश, सनी और अरुण पर लगे हत्या के आरोप सही पाए गए हैं। एसआइटी की विवेचना अंतिम दौर में है और 10 से 14 जुलाई के बीच सभी के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी जाएगी।