केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) में रिश्वत रैकेट का खुलासा किया है। मामला माल ढुलाई रैक के तरजीही आवंटन से जुड़ा है। रिश्वत रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें तीन रेलवे के अधिकारी हैं। इस दौरान 46.50 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने इस मामले में पटना, सोनपुर, हाजीपुर, समस्तीपुर और कोलकाता समेत 16 ठिकानों पर छापे मारे थे। गिरफ्तार किए गए भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) के अधिकारियों में ईसीआर में मुख्य माल परिवहन प्रबंधक के पद पर तैनात संजय कुमार (1996 बैच), समस्तीपुर में तैनात रूपेश कुमार (2011 बैच) और सोनपुर में तैनात सचिन मिश्रा (2011 बैच) शामिल हैं। 

उन्होंने कहा कि अधिकारियों पर माल लदान के लिए रेलवे रैक के तरजीही आवंटन के लिए ईसीआर विक्रेताओं से नियमित रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई ने कोलकाता स्थित आभा एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के नवल लधा और मनोज कुमार साहा नामक एक व्यक्ति को भी मामले में गिरफ्तार किया है। एफआईआर में आरोप है कि लधा ने मनोज और बजरंग को 30 जुलाई को 23.5 लाख रुपये पटना, सोनपुर और समस्तीपुर अलग-अलग लिफाफे में भेजने को कहा था। दो लिफाफों में छह-छह लाख और एक लिफाफे में 5 लाख रुपये और अन्य में तीन लाख, 2.75 लाख, 50,000 और 25,000 रुपये थे जो ईसीआर के विभिन्न अधिकारियों को देने थे। अधिकारियों को ये पैसे 16 जुलाई को देने थे मगर संजय कुमार ने लधा को कहा था कि वह उस दिन नहीं रहेंगे।