लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले से ही जातिगत जनगणना की मांग कर रहे थे, अब इस पर और भी राजनीति हो रही  है। उब फिर उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग दोहरायी है और भाजपा पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार लगातार पिछड़े और दलितों की उपेक्षा कर रही है। भाजपा साजिश के तहत पिछड़ों, दलितों वर्ग के आरक्षित पद खत्म कर रही है।
  जानकारी के अनुसार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा दलितों और पिछड़े वर्गों से भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में जो भर्तियां निकलती हैं उनमें भी पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा की जा रही है। उन्हें कोई न कोई कारण बता कर भर्तियों से बाहर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों लखनऊ पीजीआई में आरक्षण के नियमों को दरकिनार कर अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों को रिक्त छोड़ दिया। विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में भी दलितों व पिछड़ों की उपेक्षा की गई है। इसी रणनीति के तहत निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  अखिलेश यादव जातिगत जनगणना की वकालत करते हुए राज्य में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग बीते दो साल से कर रहे हैं। अब उन्होंने फिर से इस मांग को दोहराया है और अपने सभी सांसद और विधायकों को गांव-गांव जाकर जातिगत जनगणना कराने के लिए माहौल बनाने को कहा है। उन्होंने कहा है कि सपा पिछड़ों और दलितों के इसी हक और सम्मान को दिलाने के लिए लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग करती आ रही है। भाजपा जातीय जनगणना से डरती है।