भोपाल । प्रदेशभर में एक लाख भर्तियों की बाट जोह रहे बेरोजगारों को अगले साल तक इंतजार करना पड़ सकता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि दिसंबर तक प्रदेश में अब कोई बड़ी भर्ती परीक्षा प्रस्तावित नहीं है। इधर, पटवारी परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद भी अब तक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई है। घोटाले के आरोप लगने के बाद इसे होल्ड पर रखा गया है। इसी तरह प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती का नोटिफिकेशन भी अब तक नहीं जारी किया गया है।
इधर, पीएससी की असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए होने वाली भर्ती परीक्षा की भी तारीख तय नहीं हो सकी है। इसके आवेदन में अगर कोई त्रुटि सुधार करवाना है तो उसकी तारीख ही 2 नवंबर निर्धारित की गई है। इस दौरान चुनाव होना भी प्रस्तावित है। इसके बाद अगले साल लोकसभा चुनाव होना है।
स्कूल शिक्षा में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के लिए 8454 पदों पर भर्ती की जानी है। इनके लिए मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा दो अलग-अलग चयन परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। जिनके नोटिफिकेशन जुलाई अंतिम सप्ताह तक जारी होना थे। इसमें माध्यमिक शिक्षक की छह विषयों में 6332 पदों पर भर्ती होगी। लेकिन अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। इसका मुख्य वजह पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी आना है। दूसरा नोटिफिकेशन 2122 पदों पर खेल, नृत्य और गायन-वादन के माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए जारी होना था। लेकिन, यह अब तक नहीं हुआ। इस तरह से साढ़े आठ हजार से ज्यादा पदों का मामला भी अधर में है।
स्कूल शिक्षा में ही शिक्षकों के अलग-अलग वर्गों के एक लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं। इसी तरह उच्च शिक्षा में भी चार हजार से ज्यादा पद खाली हैं। जनजातीय कार्य और कृषि विभाग में भी 3-3 हजार पद रिक्त हैं। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि 15 अगस्त तक एक लाख नियुक्तियां की जानी हैं, लेकिन अब भी करीब 60 हजार नियुक्ति ही हुई हैं। ऐसे में अब भी विभिन्न विभागों में 40 हजार पद खाली हैं। खासकर स्कूल शिक्षा, पशुपालन, स्वास्थ्य विभाग मेंं विभिन्न पद अब तक नहीं भरे गए हैं।
वर्तमान में आरक्षक भर्ती परीक्षा चल रही है। यह 12 सितंबर तक चलेगी। वहीं उम्मीदवारों को पुलिस एसआई परीक्षा का बीते 5 साल से इंतजार है, लेकिन भर्ती नहीं आ सकी। आगे की परीक्षाओं के लिए कोई शेडयूल जारी नहीं किया है। आगे अगली बड़ी भर्ती परीक्षाएं कब होगी, यह अब तक तय नहीं है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद केवल पूर्व प्रस्तावित परीक्षाओं का ही शेड्यूल जारी हो सकता है।