उदयपुर में दो तेंदुओं के बीच में हुई खूनी जंग, एक तेंदुए की हुई मौत....
राजस्थान का सबसे बड़ा जंगल उदयपुर जिले में है. ऐसे ने यहां बड़ी संख्या में तेंदुए निवास करते हैं. आए दिन इंसानों और तेंदुए के बीच जंग देखने को मिलती रहती है. कभी तेंदुए की मौत होती है तो कभी इंसानों की, लेकिन इस बार जंगल से चौकाने वाली खबर सामने आई है. यहां दो तेंदुओं के बीच खूनी संघर्ष हुआ.घंटों चली इस लड़ाई में एक तेंदुए की मौत हो गई. वन विभाग ने मृत तेंदुए के शव को जंगल से उठाकर चिकित्सालय लाय है. उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.बड़ी बात यह है कि खूनी लड़ाई मादा तेंदुए के कारण हुई है.जानिए क्या हुआ है पूरा मामला.
दरअसल उदयपुर शहर के पास कोडियात से झड़ीचा जाने वाले मार्ग के पास चट्टान के पीछे एक तेंदुए का शव मिला. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची.टीम ने पाया कि वहां चार साल के नर तेंदुए का शव पड़ा था. उसके नाखून और दांत सुरक्षित पाए गए. इससे साफ हुआ कि यह शिकार का मामला नहीं है. डीएफओ ने बताया कि मौका स्थिति और तेंदुए के शरीर पर घाव देखने पर साफ लग रहा है कि दो तेंदुओं के बीच झड़प हुई है. जब दो तेंदुओं के बीच में झड़प होती है तो वह या तो एक के पीछे हटने पर खत्म होती है या फिर एक की मौत पर.संभावना है कि जिस तेंदुए की मौत हुई वह लड़ाई में हारा और घायल अवस्था में चट्टान के पीछे आकर बैठ गया. उसकी वहीं मौत हो गई.
फॉरेस्टर ने बताया कि मानसून के समय तेंदुए के मेटिंग का समय होता है. वह मादा की की तलाश में घूमते हैं. ऐसे में ऐसी स्थितियां बन जाती हैं, जिसमें एक मादा और दो नर तेंदुए एक साथ मिल जाते हैं. वहां फिर दोनो नर तेंदुओं के बीच अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए संघर्ष होता है. इस लड़ाई में अगर एक पीछे हट गया तो दूसरा जीत जाता है और लड़ाई खत्म होती है.अगर नहीं हटा तो दोनों ने से किसी एक की मौत के बाद ही लड़ाई खत्म होती है. इस तेंदुए की मौत में हालात को देखते हुए ऐसा ही होने की पूरी संभावना है.वैसे मृत तेंदुए के लिए तीन डॉक्टरों की मेडिकल टीम से पोस्टमार्टम कराया गया है. मृत तेंदुए की गर्दन पर अन्य तेंदुए के हमले के निशान भी मिले हैं.