चंडीगढ़। पंजाब में आज किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। पंजाब में कई प्रमुख किसान संगठनों ने आज मंगलवार को प्रदर्शन का ऐलान किया है। प्रदेश में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेलवे ट्रैक जाम किया जाएगा। किसान संगठनों ने साफ कहा है कि सरकार तक अपनी आवाज को पहुंचाने के लिए हम रेलवे ट्रैक जाम करेंगे।

दरअसल किसान पिछले दिनों भारी बारिश से बर्बाद हुई फसल के मुआवजे को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब में किसानों ने बेमौसम बारिश की वजह से भारी नुकसान झेला है। पंजाब सरकार मुआवजे का ऐलान भी कर चुकी है। अब किसान संगठनों ने सरकार के प्रति रोष प्रकट करते हुए प्रदर्शन का ऐलान किया है।

किसान नेताओं की है ये मांग

नेताओं ने कहा कि बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा के कारण गेहूं को भारी नुकसान हुआ है लेकिन केंद्र सरकार ने किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के बजाय गेहूं के खरीद मूल्य को कम करने की शर्त लगा दी है, जो किसानों के साथ पूरी तरह से धोखा है। नेताओं ने मांग की कि केंद्र सरकार द्वारा गेहूं खरीद पर लगाई गई कटौती को खत्म किया जाए। क्षतिग्रस्त फसल पर 75 से 100 प्रतिशत तक 50 हजार और क्षतिग्रस्त फसल पर 33 से 75 प्रतिशत तक 25 हजार रुपये दिया जाए।

लोगों से की अपील

किसान नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब के आमंत्रण पर 18 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक गुरदासपुर में हो रहे रेल चक्का जाम में शामिल होने की किसानों से अपील की। इस मौके पर अश्वनी कुमार, तरलोक सिंह, बलविंदर सिंह, बलदेव सिंह, लखबीर सिंह, सलविंदर सिंह, सतनाम सिंह व गुरचरण सिंह आदि मौजूद रहे।

सीएम को सौंपा ज्ञापन

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने मांगों के समर्थन में डीसी हरप्रीत सिंह सूदन के माध्यम से सीएम भगवंत मान को ज्ञापन भेजा। कमेटी ने ज्ञापन की कॉपी पुलिस कमिश्नर नौनिहाल सिंह एवं जिला खेतीबाड़ी अधिकारी जतिंदर सिंह गिल को भी सौंपी।

कमेटी के पंजाब प्रधान सुखविंदर सिंह सभरा एवं महासचिव राणा रणबीर सिंह के हस्ताक्षरों से जारी प्रेस नोट में उन्होंने कहा कि पंजाब में गेहूं की तबाह हुई फसल पर मुआवजा देने की बजाए केंद्र ने किसानों की फसल पर कट लगाने का जो फैसला किया है वह किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने के समान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर केंद्र ने इस फसल पर वैल्यू कट के फैसले को वापिस ना लिया तो कमेटी बड़ा प्रदर्शन करेगी।