भोपाल। संघ की सर्वे रिपोर्ट के बाद अब दूसरे राज्यों के विधायकों को एक-एक सीट का रिपोर्ट कार्ड बनाने की जवाबदारी सौंपी गई है। इसमें हारी और जीती हुई सभी सीटें शामिल रहेंगी। दूसरे राज्यों से आने वाले विधायक और मंत्री इन सीटों पर आठ दिन रहकर संगठन की स्थिति, प्रत्याशी की स्थिति और कार्यकर्ताओं में क्या माहौल है, इसको लेकर रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे और सीधे दिल्ली को रिपोर्ट करेंगे। 20 अगस्त से ये काम शुरू हो जाएगा।
इस अभियान को ‘विधायक प्रवास अभियान’ नाम दिया गया है। इस अभियान के बारे में बताया गया कि प्रदेश में बिहार, गुजरात, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के विधायक और मंत्रियों को प्रदेश की 230 सीटों का रिपोर्ट कार्ड बनाने की जवाबदारी सौंपी गई है।
ये सभी 19 अगस्त को भोपाल आ जाएंगे। भोपाल में एक वर्कशॉप होगी। इसमें संगठन के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद इन्हें जिलों का बंटवारा किया जाएगा और दूसरे ही दिन 20 अगस्त से वे जिलों में पहुंचकर संबंधित विधानसभा सीटों पर अपना काम शुरू कर देंगे। 27 अगस्त तक यह अभियान चलेगा। खास बात यह है कि प्रदेश की सभी 230 सीटों पर इन्हें रिपोर्ट बनाना है। यानी हारी हुई सीट हो या जीती हुई, सबका बारीकी से विश्लेषण करना होगा।
प्रत्येक विधायक और मंत्री जिस सीट पर पहुंचेगा, पहले वहां के संगठन के पदाधिकारियों से बातचीत करेगा। उनके फीडबैक के साथ-साथ चुनिंदा कार्यकर्ताओं से भी बात की जाएगी। वहीं हर मंडल के मोर्चा स्तर के पदाधिकारियों से भी बात करेंगे। हारी हुई सीटों के कारण और जीतने वाली सीटों पर कोई गड़बड़ है तो उसकी जानकारी भी एकत्रित की जाएगी। इसकी रिपोर्ट सीधे दिल्ली के संगठन को दी जाएगी।
विधायक प्रवास अभियान के तहत भाजपा संगठन अपनी वास्तविक स्थिति का आकलन तो कर रहा है, इसके साथ ही पिछली बार चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों की इस बार क्या स्थिति है, दावेदारी कौन-कौन कर रहे हैं और किस सीट पर कौन कैसा नुकसान कर सकता है, ये जानकारी भी जुटाएंगे। वहीं सिंधिया समर्थकों की सीटों पर भाजपाइयों का क्या रुझान है, इसकी जानकारी भी ली जाएगी। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट की टिकट तय करने में अहम भूमिका होगी।