भोपाल ।    बात चौंकाने वाली ज़रूर है, लेकिन सही है। सत्ताधारी दल भाजपा के कार्यकर्ता भ्रष्टाचार और अधिकारियों की तानाशाही से परेशान हैं। यह बात भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही उन वरिष्ठ नेताओं से कही है, जिन्हें पार्टी ने फीडबैक लेने के लिए भेजा था। कार्यकर्ताओं ने अपना दर्द बांटते हुए कहा कि नगरीय निकाय, पंचायत से लेकर कोई भी चुनाव आते हैं तो पार्टी को कार्यकर्ताओं की याद आ जाती है, इसके बाद उन्हें कोई पूछता नहीं है। बाकी समय विधायक-मंत्री अपनी मन पसंद से अधिकारियों की पदस्थापना करवा लेते हैं और वही अधिकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करते हैं। पार्टी नेताओं का संरक्षण होने के कारण उनकी कहीं सुनवाई तक नहीं होती है। मंडल से जिला स्तर तक कोर ग्रुप की बैठक नहीं होती है, जिसके जरिए कार्यकर्ताओं को न्याय मिले इसलिए कार्यकर्ता नाराज हैं। दरअसल, कार्यकर्ताओं की नाराजगी का पता लगाने के लिए ही पार्टी ने 14 बड़े नेताओं को अलग-अलग जगह भेजा था। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश इस फीडबैक से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराएंगे। दरअसल, चुनावी वर्ष में भी कार्यकर्ताओं में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। उनमें ‘हमारी सरकार’ जैसे भाव का अभाव है, जिससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि चुनावी जंग में भाजपा को मैदानी जमावट में मुश्किलें आ सकती हैं। ऐसे में प्रदेश में जिला स्तर पर बैठकों का आयोजन वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का फीडबैक एकत्र किया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसकी कई वजहें सामने आ रही हैं, जिसमें पार्टी में पीढ़ी परिवर्तन सबसे मुख्य है। पीढ़ी परिवर्तन की बयार में 2019 में हुए संगठन चुनाव में युवाओं को अधिक मौका दे दिया गया। ऐसे में पुरानी और अनुभवी पीढ़ी दूर होती गई। इनमें नाराजगी बढ़ने की वजह तब और गहरी हो गई, जब युवा पदाधिकारियों ने संगठन के कार्यक्रमों में भी इन पुराने कार्यकर्ताओं को बुलाने से परहेज किया। ये मुश्किल तब और बढ़ती गई, जब नई और अनुभवी पीढ़ियों के बीच संवादहीनता ने स्थिर भाव बना लिया। दिग्गज नेताओं को जो फीडबैक मिला है, वह केवल उपेक्षा वाला नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मनमानी से भी भाजपा कार्यकर्ता नाराज हैं। जिला स्तर और तहसील स्तर पर सभी महत्वपूर्ण पदों पर मंत्रियों और विधायकों ने अपनी पसंद के अधिकारी बिठा रखे हैं। ऐसे अधिकार अन्य कार्यकर्ताओं को कोई महत्व नहीं देते हैं। कई जगह तो पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किए जाने के भी तथ्य पार्टी नेताओं को मिले हैं।

इनका कहना है

निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में महती भूमिका निभाते हैं। चूंकि यह चुनाव वर्ष है, ऐसे समय में छोटी सी लापरवाही भी हमें नुकसान पहुंचा सकती है, तब जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान न केवल जनकल्याणकारी योजना बना रहे हें अपितु 18-18 घंटे काम करके उन्हें जमीन पर उतारने का प्रयास कर रहे हैं।

- डा हितेष बाजपेयी, प्रवक्ता भाजपा।