बेंगलुरु । भाजपा ‎कर्नाटक में किसी भी कीमत पर सत्ता हा‎सिल करना चहती है, शायद इसी‎लिए जबरदस्त प्रचार में जुटने की तैयारी कर ली है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। कर्नाटक में सत्ता वापसी के लिए भाजपा लगातार अभियान चला रही है। माना जा रहा है कि भाजपा 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जल्दी ही जारी करेगी। स्टार प्रचारकों की सूची में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं का तो नाम होगा ही। लेकिन जिन नामों की पार्टी के लिए प्रचार करने की बड़ी मांग है उनमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, ​​विदेश मंत्री एस जयशंकर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हैं। कर्नाटक राज्य में, चुनाव आयोग द्वारा चुनाव समयरेखा की घोषणा के तुरंत बाद भाजपा ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। 
गौरतलब है ‎कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मैसूरु का दौरा किया, जिसे जद (एस) तथा कांग्रेस का सबसे प्रभावशाली निर्वाचन क्षेत्र कहा जाता है। आजादी के बाद से ही कर्नाटक की राजनीति में लिंगायतों और वोक्कालिगा मतदाताओं का दबदबा रहा है। जबकि लिंगायत आबादी राज्य भर में देखी जाती है, वोक्कालिगा समुदाय के सदस्य मैसूर क्षेत्र सहित केवल तीन-चार जिलों में घनी आबादी वाले हैं। सत्ता को बनाए रखने और लिंगायत आधार से परे प्रचार करने के प्रयास में, भाजपा पार्टी के सबसे लोकप्रिय चेहरों को तैनात करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार कर्नाटक एक अजीबोगरीब राज्य है जहां नेताओं की लोकप्रियता एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होती है। इसी‎लिए योगी आदित्यनाथ जैसा नेता तटीय कर्नाटक क्षेत्र में एक बड़ी अपील होगी, जबकि कर्नाटक में महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों में, पार्टी चाहती है कि देवेंद्र फडणवीस और गोवा के प्रमुख प्रमोद सावंत उनकी लोकप्रियता और भाषा कनेक्शन को देखते हुए प्रचार करें।