रांची। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में अपने हिस्से की 13 सीटों में तीन पर महिला उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव में उतारा है। यह पहली बार है, जब पार्टी ने लोकसभा चुनाव में तीन महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया है। हालांकि, इनमें सभी महिला प्रत्याशी दूसरे दलों से भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ रही हैं।

भाजपा के पास एक सक्रिय महिला मोर्चा है और तीन महिला विधायक हैं, लेकिन लोकसभा प्रत्याशी बनाने के मामले में पार्टी ने दूसरे दल से आई महिलाओं को प्राथमिकता दी है। इनमें कांग्रेस से आई गीता कोड़ा सिंहभूम से, झामुमो से आई सीता सोरेन दुमका से और राजद से 2019 में आईं अन्नपूर्णा देवी कोडरमा से प्रत्याशी हैं।

कांग्रेस के पास राज्य में सबसे ज्यादा महिला विधायक हैं, लेकिन अबतक जिन तीन लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा हुई है उनमें कोई महिला नहीं है।

झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन से कई नामों की चर्चा

महिला प्रत्याशी के मामले में राज्य की सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से कई नामों की चर्चा है। सबसे ज्यादा चर्चा चतरा और पलामू सीट के लिए हो रही है। इनमें पलामू से ममता भुईयां और चतरा से नीलम देवी का नाम प्रमुख है। दोनों ही राजद की तरफ से टिकट की आस में हैं, लेकिन अभी तक इनके नाम पर मुहर नहीं लगी है।

आदिवासी महिलाओं को संदेश देगी भाजपा

भाजपा ने सिंहभूम और दुमका की सीट पर आदिवासी महिला प्रत्याशी दिया है। इससे आदिवासी बहुल क्षेत्र की महिलाओं से संवाद करने में पार्टी को आसानी होगी। हालांकि दुमका में भाजपा के पास लुईस मरांडी जैसी नेत्री हैं जो विधायक और मंत्री भी रह चुकी हैं।

दुमका लोकसभा के जामा विधानसभा क्षेत्र से झामुमो विधायक रहीं सीता सोरेन भाजपा के लिए पड़ोसी सीट गोड्डा और राजमहल में भी प्रचार करेंगी। हालांकि पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के मन में इस बात का मलाल है कि अपने लोगों को चुनाव लड़ाने योग्य नहीं समझा गया है, लेकिन पार्टी अनुशासन की वजह से कोई मुंह नहीं खोल रहा है।