भोपाल । मप्र में एक तरफ प्रदेश संगठन और सरकार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं, वहीं भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव पर भी काम कर रहा है। पार्टी की कोशिश है कि इस बार प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीता जाए। इसके लिए पार्टी इस बार के चुनाव में एक बार फिर से अपने सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करवा रही है। इस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर तय होगा कि किन प्रत्याशियों को टिकट दिया जाएगा किन के टिकट काटे जाएंगे और किन्हें दोबारा चुनावी मैदान में पार्टी उतार सकती है। ऐसे में चुनाव जीतने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र से दूर रहना तमाम प्रत्याशियों को महंगा पड़ सकता है। इसका आंकलन पार्टी की इंटरनल इकाई कर रही है जो कि इस बात को तय करेगी कि सांसदों का परफॉर्मेंस कैसा रहा।
वहीं दूसरी तरफ इस आंकलन में पूरी गोपनीयता बरती जा रही है। इसके साथ ही साथ इस बात पर भी नजर होगी कि सांसद का आचरण पब्लिक में कैसा रहा, इसके अलावा उसने अपने क्षेत्र के लिए क्या कुछ किया। ये इस बात पर भी आधारित होगा कि कार्यकर्ताओं और जनता में उनकी छवि से लेकर उनकी काम करने की शैली कैसी रही यह भी सर्वे का अंग होगा।
हाल में प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने तमाम सांसदों से अपने अपने क्षेत्र में रहने को कहा था, उसी फीडबैक के आधार पर भी तय किया जाएगा कि प्रत्याशी की दावेदारी उसकी जमीन हकीकत से कितने मेल खाती है। पार्टी के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक फीडबैक के आधार और सर्वेक्षण के मुताबिक तमाम सीटों की रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचती है और उसी के आधार पर प्रत्याशी की दावेदारी तय की जाती है जिसे लेकर पार्टी में यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
मप्र में भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की थी, जिसे अब भाजपा इस बार सभी 29 सीटों पर काबिज होने की रणनीति बना रही है। वहीं जहां 2019 की हारी हुई एक मात्र सीट छिंदवाड़ा में जीत की तैयारी में पार्टी अभी से जुट गई है। पार्टी के कार्यकर्ता बूथ लेवल पर अभी से चुनावी जमीन तैयार करने में लग गए हैं।
भाजपा इससे पहले भी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में प्रयोग को अपना चुकी है, जिसका फायदा उसे चुनाव में लगातार मिला है, लेकिन चुनौती और भी ज्यादा है। ऐसे में पार्टी मोदी के चेहरे के साथ-साथ स्थानीय तौर पर मजबूत प्रत्याशी उतारकर पूरा करना चाहती है। पार्टी पूरी तैयारी के साथ काम कर रही है और प्रत्याशी को लेकर चयन की प्रक्रिया तय समय पर कर ली जाएगी। भाजपा हमेशा अपने रिपोर्ट कार्ड के साथ चुनाव में जाती है इस बार भी ऐसा ही होगा।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि लोकसभा 2024 चुनाव के लिए भी प्रत्याशियों का चयन उनके रिपोर्ट कार्ड के आधार पर होगा, पार्टी हमेशा काम को प्राथमिकता देती है और वही चयन का भी पैमाना होता है। प्रत्याशी चयन की एक प्रक्रिया है जो निचले स्तर पर बातचीत करके आगे बढ़ती है, जिसको केंद्रीय चुनाव समिति अंतिम मुहर लगाती है, अलग-अलग स्तर पर सभी के फीडबैक के आधार पर निर्णय होता है।