नई दिल्ली । जय श्री राम के नारे पर डीमएके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा की टिप्पणी के बाद भाजपा की तरफ से कड़ी प्रतिक्रया आई है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ए राजा ने कहा है कि वह जय श्री राम और भारत माता की जय को कभी स्वीकार नहीं करने वाले है, क्या सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका और मल्लिकार्जुन खरगे, ए राजा की बात से सहमत हैं। प्रसाद ने सवाल उठाया कि क्या डीएमके को किसी अन्य धर्म के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी करनी चाहिए? उन्होंने कहा कि हम सभी धर्मों का आदर करते हैं। 
भाजपा नेता ने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि भारतीय परंपरा पर सवाल उठाना, हिंदू देवी-देवताओं का सार्वजनिक अपमान करना इंडिया गठबंधन का राजनीतिक एजेंडा बन चुका है। प्रसाद ने कहा कि क्या कांग्रेस राजनीति में आगे बढ़ने के लिए इस कदर नीचे गिर चुकी है कि वह इस तरह की टिप्पणियों को स्वीकार कर रही है। 
वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी ए राजा के बयान पर सवाल उठाया है। मालवीय ने लिखा कि डीएमके की तरफ से नफरत भरा भाषण जारी है। स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म करने के आह्वान के बाद, अब ए राजा भारत के विभाजन की बात कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि ए राजा भगवान राम का मजाक उड़ा रहे हैं। दरअसल ए राजा अपने भाषण में कह रहे हैं कि भारत एक देश नहीं है। भारत कभी एक देश नहीं हो सकता। एक देश होने का मतलब एक भाषा, एक परंपरा और एक संस्कृति। इसके बाद भारत एक देश नहीं, बल्कि एक उपमहाद्वीप है। वे कहते हैं कि तमिलनाडु एक देश है, क्योंकि यहां एक भाषा मलयालम है। ओडिशा एक देश है, क्योंकि वहां एक भाषा है। यह सभी देश मिलकर एक भारत बनाते हैं, यहां बहुत सारी परंपराएं और कल्चर हैं। 
राजा कहते हैं कि तमिलनाडु का कल्चर अलग है, केरल का अलग है और दिल्ली का अलग है। मणिपुर में लोग कुत्ता खाते हैं। यह उनका कल्चर है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।