नई दिल्ली| गैर-आईएसआई प्रमाणित खिलौनों की बिक्री पर अंकुश लगाने और खिलौनों की गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2021-22 और 2022-23 में 100 से अधिक तलाशी और जब्ती अभियान चलाए गए। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा चलाए गए तलाशी और जब्ती कार्यों के दौरान, वर्ष 2021-22 और 2022-23 (25 जनवरी, 2023 तक) के दौरान क्रमश: 9,565 और 30,229 की मात्रा जब्त की गई थी।

राज्यसभा में शुक्रवार को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक लिखित उत्तर के अनुसार, बीआईएस अधिनियम, 2016 की धारा 16 के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा जारी खिलौने (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 के अनुसार 1 जनवरी, 2021 से खिलौनों की सुरक्षा अनिवार्य बीआईएस प्रमाणन के तहत है।

तदनुसार, खिलौनों के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि वह खिलौनों की सुरक्षा के लिए संबंधित भारतीय मानकों के अनुरूप हों और बीआईएस (अनुरूपता आकलन) विनियम, 2018 की अनुसूची-2 की योजना-1 के अनुसार बीआईएस से लाइसेंस के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) मानक चिह्न् धारण करें। इस गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के अनुसार, बीआईएस अधिनियम, 2016 की धारा 17 के साथ कहा गया है, कोई भी व्यक्ति आईएसआई मार्क के बिना किसी भी खिलौने का निर्माण, आयात, वितरण, बिक्री, किराया, लीज, स्टोर या बिक्री के लिए प्रदर्शन नहीं करेगा।

बीआईएस उत्पाद प्रमाणन योजना के तहत, संबंधित भारतीय मानकों के अनुसार उत्पाद पर मानक चिह्न् का उपयोग करने के लिए विनिर्माण इकाइयों को लाइसेंस दिया जाता है। तदनुसार, भारत को खिलौने निर्यात करने वाली विदेशी विनिर्माण इकाइयों सहित खिलौना निर्माण इकाइयों को खिलौनों की सुरक्षा के लिए बीआईएस लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है। मंत्रालय ने कहा कि बीआईएस ने घरेलू इकाइयों को 1,037 लाइसेंस और विदेशी खिलौना निर्माण इकाइयों को 30 लाइसेंस दिए हैं।

अपने उत्पाद प्रमाणन के हिस्से के रूप में, बीआईएस कारखाने और बाजार की निगरानी भी करता है, जिसके तहत आईएसआई चिह्न्ति खिलौनों के नमूने कारखानों और बाजार से लिए जाते हैं और भारतीय मानक के अनुसार प्रयोगशालाओं में परीक्षण किए जाते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध आईएसआई चिह्न्ति खिलौने सुरक्षित हैं और निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं।