राजस्थान पंजाब की राजनैतिक लड़ाई में बड़ा अंतर-रंधावा
जयपुर: राजस्थान में दो साल पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं डिप्टी सीएम सचिन पायलट में कुर्सी की लड़ाई शुरू हुई थी तब की लड़ाई की आंच ठंडी होने के बजाय फिर सुलग गई जब गहलोत समर्थकों ने 25 दिसंबर को तब के प्रदेश प्रभारी अजय माकन की उपस्थिति में सीएम हाउस में बुलाई गई मंत्रिमंडल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था तभी से माकन इतने आहत हुए की उन्होने प्रदेश प्रभारी का कार्यभार नहीं संभाला अब उनकी जगह केन्द्रीय कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब के सुखजिंदर सिंह रंधवा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बनाकर भेजा है उन्होने राजस्थान में आकर सचिन पायलट और गहलोत की लड़ाई पर स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि राजस्थान और पंजाब की राजनैतिक लड़ाई में एक बड़ा अंतर है लिहाजा दोनो नेताओं की राजनैकि लड़ाई को आसानी से सुलझा लिया जायेगा गौरतलब है कि उन्होने राजनैतिक लड़ाई को इंकित करे हुए कहा है कि ऐसा सभी पार्टियों सभी राज्यों में थोड़ा बहुत चलता रहता है साथ ही स्पष्ट किया कि दोनो नेताओं की लड़ाई को कांग्रेस के महासचिव वेणुगोपाल ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले सुलह में बदलवा दिया था दोनो के हाथ खड़े करवाकर मीडिया को दिखा भी दिया गया था पर अगर फिर भी कोई थोड़ी बहुत दोनो नेताओं के समर्थकों में कुछ है तो उसे मिल बैठकर सुलझा लिया जायेगा। रंधवा ने दो दिन पूर्व राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के स्वागत सत्मकार में हुए कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए कहा कि गहलोत ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का का चैलेज स्वीकार करने के साथ राहुल गांधी कमलनाथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट का स्टेज पर थिरकना साबित करता है कि राज्य की राजनैतिक लड़ाई की बर्फ काफी हद तक पिघल तब पिघल चुकी है जब राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट दोनो को पार्टी के लिए एसिट बताया था।