केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से पहले एक बड़ा बदलाव किया है। सीबीएसइ बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि बोर्ड की कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अब कोई डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं दिए जाएंगे।

बताया कि अगर छात्र पांच से अधिक पेपर देगा तो उसके सबसे अच्छे पांच विषय तय करने का फैसला छात्र के संबंधित स्कूल या संस्थान को होगा। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि कुल मिलाकर कोई श्रेणी, विशेष योग्यता या कुल प्राप्तांक नहीं दिए जाएंगे।

सीबीएसइ बोर्ड अंक प्रतिशत की गणना नहीं करता, उसकी घोषणा या सूचना नहीं देता। यदि उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए अंक प्रतिशत आवश्यक है तो गणना प्रवेश देने वाले संस्थान या नियोक्ता द्वारा की जा सकती है।

मेरिट सूची जारी करने की प्रथा भी समाप्त

बता दें कि इससे पहले, सीबीएसई स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के उद्देश्य से मेरिट सूची जारी करने की प्रथा भी समाप्त कर चुका है। सीबीएसई बोर्ड पिछले कुछ साल से 10वीं और कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा में टाप करने वाले छात्रों की लिस्ट जारी नहीं करता है। बोर्ड ने इसके पीछे का तर्क देते हुए कहा था कि ऐसा छात्रों के बीच अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए किया गया है।

अगले साल सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का आयोजन 15 फरवरी से किया जाना है। सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं एक ही दिन 15 फरवरी से शुरू होने वाली है, जो अप्रैल तक चलेंगी। यद्यपि बोर्ड ने अब तक कक्षा 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा का विस्तृत शेड्यूल जारी नहीं किया है। वहीं सीबीएसई 10वीं, 12वीं प्रैक्टिकल परीक्षाएं एक जनवरी से शुरू होने वाली है।

इन्होंने ये कहा

सीबीएसई का यह निर्णय स्वागतयोग्य है। अब स्कूल स्तर से ही अंक तालिका जारी होगी इससे छात्र छात्राओं को कुंठाग्रस्त होने की जो स्थिति बनती थी, उस पर विराम लगेगा। - दिलीप कुमार झा, प्रिंसिपल, जीएंडएच हाईस्कूल रांची।

इससे बेशक छात्र-छात्राओं में हीन भावना का विकास नहीं होगा। सीबीएसई का यह निर्णय स्वागतयोग्य है। सीधे मार्क्स के पीछे या फिर डिविजन के पीछे भागने की जो मारामारी थी वो अब समाप्त हो जाएगी।

नए दिशा निर्देश का लाभ छात्र छात्राओं को मिलेगा। इसमें नयापन कुछ नहीं है। अपडेटेड नोटिफिकेशन में डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं दिए जाने की बात कही गई है। रांची।

सीबीएसई के लिए यह पैटर्न कोई नया नहीं है। पूर्व से ही ऐसी पद्धति चली आ रही है। पुराने नियमों को ही अपडेट किया गया है। जो कि स्वागतयोग्य है।