जयपुर । जब अँधेरा गहरा होता है तभी दिये  का महत्व समझ में आता है वर्तमान समय में एक राष्ट्र की परिकल्पना को बचाये रखने के लिए गांधी जी की विचारधारा और उनके सिद्धांतों को आत्मसात करना जरूरी है। ये विचार महात्मा गांधी  के प्रपौत्र तुषार गांधी ने जयपुर स्थित महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ़ गवर्नेंस एन्ड सोशल साइंसेज के भ्रमण के दौरान पत्रकारों  के साथ बातचीत में व्यक्त किये। 
तुषार गांधी विदेशी गांधीवादी विचारकों  के साथ गांधी लीगेसी टूर 2023 के तहत  भ्रमण पर आये थे। इस 19 सदस्यीय दल में भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका फ्रांस गांधी लीगेसी टूर यात्रा के बारे में  बताते हुए तुषार गांधी ने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत करीब 22 -23 वर्ष पूर्व उनके पिता अरुण गांधी ने  की थी। हर साल ये यात्रा देश की उन चुनिंदा जगहों और संस्थानों खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में  जाती है जहां गांधीजी का ग्रामोद्धार का सपना साकार होता नजऱ आता है। तुषार गांधी ने कहा कि गांधी जी का वंशज होना उनके लिए गर्व का विषय है मगर उनमें और आम भारतीय में कोई फर्क नहीं हैक्योंकि पूरा भारत गांधीजी को राष्ट्रपिता मानता है तथा उन पर  सबका अधिकार  है।