• पायलट प्रोजेक्ट के तहत बोर्ड परीक्षा की मूल्यांकन व्यवस्था में बदलाव, प्राचार्यों और अध्यापकों की बैठक बुलाकर दिए कई निर्देश

भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल की वार्षिक परीक्षा 1 मार्च से शुरू होगी है। बरसों बाद मंडल ने बोर्ड परीक्षा में उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन से जुड़ी व्यवस्था में बदलाव किया है। विद्यार्थियों की पहचान छिपाने के लिए कुछ विषयों की उत्तरपुस्तिका पर बार कोड लगाएंगे। अधिकारियों ने नई व्यवस्था को लेकर अभी प्राचार्यों के सामने स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
 परीक्षा और मूल्यांकन से जुड़े नियमों को लेकर मंडल और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दिशा निर्देश दिए। पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के तहत मूल्यांकन की व्यवस्था बदली है, जो 10वीं-12वीं परीक्षा के कुछ विषयों पर लागू होगी। 10वीं में गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान और 12वीं में सिर्फ हिंदी विषय की उत्तरपुस्तिका पर बार कोड लगाकर विद्यार्थियों की पहचान छिपाई जाएगी। उसके बाद कापियां मूल्यांकनकर्ताओं को जांचने के लिए देंगे। मूल्यांकन पूरा होने के बाद बार कोड को स्कैन कर विद्यार्थियों के अंकों को आनलाइन चढ़ाने में आसानी होगी। अधिकारियों के मुताबिक, बाकी विषयों की कापियों पर पहले की तरह स्टीकर लगाएंगे। उसके आधार पर विद्यार्थियों के नंबर चढ़ाएंगे। मूल्यांकन से जुड़ी दोनों व्यवस्थाओं का आकलन किया जाएगा। फिर व्यवस्था में अगले साल से बदलाव होगा।

नहीं मिलेगी सप्लीमेंट्री कापी
परीक्षा में विद्यार्थियों को दो तरह की उत्तरपुस्तिकाएं मिलेंगी। 32 पेज की मुख्य विषय की और 20 पेज की वोकेशनल व संस्कृत विषय की कापी होगी। प्रायोगिक परीक्षाओं में 10वीं के विद्यार्थियों को आठ और 12वीं के विद्यार्थियों को 12 पन्नों की कापियां देना तय हुआ है। गणित विषय में 32 पन्नों की ग्राफ कापी मिलेंगी। सप्लीमेंट्री कापी नहीं दी जाएगी। यह निर्देश सप्ताहभर पहले ही मंडल ने जारी कर दिए थे।