मुंबई। मुंबई के वालकेशवर स्थित बाबुलनाथ मंदिर में 300 साल से भी ज्यादा पुराना शिवलिंग है. जिसे किसी भी तरह की टूट-फूट से बचाने के लिए मंदिर प्रशासन आईआईटी मुंबई की मदद ले रहा है. ताकि शिवलिंग को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सके. इसी बीच मंदिर प्रशासन ने शिवलिंग पर फूल, फल और जल के अलावा कुछ भी अर्पित करने पर रोक लगा दी है. शिवलिंग पर जल से अभिषेक करने का भी मंदिर प्रशासन ने समय निर्धारित किया है. श्रद्धालू सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक ही जल से अभिषेक कर सकते हैं. जल के अलावा अन्य वस्तुओं से अभिषेक करने पर रोक लगाने के पीछे कारण बताते हुए मंदिर प्रशासन ने कहा कि पत्थर से बने शिवलिंग पर टूट-फूट के निशान दिखने लगे थे, ऐसे में दूध, इत्र और बाजार में मिलने वाले अन्य तरह के सामानों से अभिषेक करने पर रोक लगाई गई है. खबर के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन नितिन ठक्कर ने कहा कि, ‘पत्थर से बना ये शिवलिंग 350 साल पुराना है. इससे हजारों श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. बाबुलनाथ शिवलिंग को संरक्षित करना और बेहतर रखरखाव करना हमारा कर्तव्य है. अगर अभी एहतियातन कदम नहीं उठाए गए तो लंबे समय में इसका संरक्षण मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में एहतियातन हमने शिवलिंग पर कुछ तरल पदार्थों के अर्पित किए जाने पर रोक लगाई है.’ मंदिर प्रशासन ने कुछ समय पहले ये नोटिस किया कि दुकानदार मंदिर में आने वाले भक्तों को मिलावटी दूध बेच रहे हैं, जिसमें चूने का पाउडर मिला होता है. चंदन में भी मिलावट हो रही है, इसलिए इस तरह के पदार्थों से अभिषेक पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी गई है. कुछ भक्त गुलाल भी चढ़ाते हैं, जिसमें केमिकल होता है. इस मामले को लेकर कुछ दिनों पहले मंदिर प्रशासन ने महाराष्ट्र के मंत्री और बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा से भी मुलाकात की थी, जो कि मालाबार हिल विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं. उनसे मंदिर प्रशासन ने शिवलिंग के संरक्षण की बात की, जिसके बाद ये मामला आईआईटी मुंबई के समक्ष रखा गया ताकि शिवलिंग के संरक्षण को लेकर तरीके निकाले जा सकें. आईआईटी मुंबई मंदिर प्रशासन को आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट तैयार कर के सौंपेगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.