धूप व बरसात के कारण कोयलांचल में बैक्टीरिया व वायरस एक साथ आंखों पर हमला कर रहा है। इस कारण बच्चे के लेकर बड़े वायरल कंजेक्टिवाइटिस (आंख आना) के शिकार हो रहे हैं। सामान्य भाषा में इसे पिंक आई भी कहा जाता है। संक्रमण के कारण मरीज की आंखों में तेज गड़न, सूजन व दर्द होने के साथ ही पानी निकल रहा है।

हवा से बैक्‍टीरिया दूसरे की आंखों में चले जाते हैं

एसएनएमएमसीएच के नेत्र रोग विभाग के ओपीडी में हर दिन 15-20 ऐसे मरीज आ रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. लोकेश जालान ने बताया कि बच्चों संग कामकाजी लोग भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। यह काफी संक्रामक होता है, केवल हवा से ही इसके बैक्टेरिया व वायरस दूसरे की आंखों में चले जाते हैं। कुछ ही समय में आंखों में खुजली होने के बाद आंखें लाल होने लगती है। कई स्कूल प्रबंधन भी अभिभावकों को मैसेज भेज पीड़ित बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की अपील कर रहे हैं।

बीते पांच दिनों में मिले इतने मरीज

19 जुलाई- 12 मरीज

20 जुलाई- 25 मरीज

21 जुलाई- 27 मरीज

22 जुलाई- 17 मरीज

24 जुलाई- 31 मरीज

इन बातों का रखें ख्याल

संक्रमित मरीज के संपर्क में नहीं आएं। घर का कोई सदस्य संक्रमित हो जाए, तो उसे साफ तौलिया एवं कपड़े दें। संक्रमित का तौलिए या कपड़े का प्रयोग नहीं करें। अपने हाथों से आंखों को सीधा नहीं मलें। एक ही कमरे में ज्यादा लोग नहीं करें। संक्रमित होने पर चश्मा जरूर पहनें। खुद से कोई भी दवा या ड्राप नहीं डालें।