अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए देश की सुरक्षा में सेंध लगाने और भारतीय राजस्व की चोरी करने वाले गैंग के सरगना आसिफ की तलाश में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम मुंबई रवाना हो गई है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही नेटवर्क का राजफाश होने की बात कही जा रही है।

धूमनगंज से पकड़े गए सरफराज अहमद, वाजिद और अमन से मिली जानकारी के आधार पर दूसरी टीम छानबीन कर रही है। गैंग का लीडर आसिफ मुंबई के गोंडवी का रहने वाला बताया गया है। वह टीम व्यूअर और एनीडेस्क एप के माध्यम से इंटरनेशनल काल को लोकल काल में कनेक्ट करवाता था।

एप्लीकेशन की मदद से कराई जाती थी काल्स

अपने गिरोह के सदस्यों को मोबाइल सिम और सिमबाक्स भी भिजवाता था। अवैध टेलीफोन एक्सचेंज को संचालित करने के लिए पैसा देता था। गिरफ्त में आए अभियुक्तों ने पूछताछ में एटीएस को बताया कि अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के लिए पुटटी और टीएफटीपीडी 64 जैसे कई अन्य एप्लीकेशन का प्रयोग करके काल्स को सर्वर से कनेक्ट करते थे।

हालांकि आरोपित यह नहीं बता सके कि वह किन लोगों को काल कनेक्ट करते थे। ऐसे में अब नेटवर्क से जुड़ी सभी जानकारी को खंगालने और देश विरोधी दूसरी गतिविधि की पुष्टि के लिए आसिफ की तलाश है। एटीएस ने सोमवार को धूमनगंज और पिपरी कौशांबी निवासी दो सगे भाई सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर इलेक्ट्रानिक, संचार उपकरण बरामद किया था।

हर माह मिलते थे 20 हजार रुपये

सूत्रों का कहना है कि आसिफ अपने गैंग के सदस्य सरफराज, वाजिद और अमन को अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के लिए 20-20 हजार रुपये वेतन के रूप में देता था। कमरे का किराया, बिजली बिल सहित दूसरे खर्च भी उठाता था। गिरफ्तार अभियुक्तों ने सातवीं, 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई की है।

पूछताछ में पता चला है कि सरफराज पहले मुंबई में आसिफ के साथ काम करता था, जहां उसे ट्रेनिंग देकर प्रयागराज भेजा गया था।

सीडीआर से मिलेंगे अहम सुराग

अभियुक्तों के कब्जे से एटीएस की टीम ने कई मोबाइल भी बरामद किया है। अब उन सभी मोबाइल नंबरों की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) निकाली जा रही है। कहा जा रहा है कि सीडीआर से इस अवैध गतिविधि में संलिप्त अन्य लोगों के बारे में भी सुराग मिलेगा। फिर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।