नई दिल्ली ।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट )के आदेश को लोकतंत्र की जीत बताया।  इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट  का आदेश यह साबित करता है कि उपराज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी दोनों अवैध और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे थे। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य महापौर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं।  प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की बेंच ने निर्देश दिया कि दिल्ली के महापौर का चुनाव एमसीडी की पहली बैठक में कराया जाएगा और महापौर के निर्वाचन के बाद वह उपमहापौर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे।
श्री केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि उच्चतम न्यायालय का आदेश जनतंत्र की जीत। उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) का बहुत बहुत धन्यवाद। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये साबित हो गया कि उपराज्यपाल और भाजपा मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं। अदालत का आदेश दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर आया है, जिसमें यह चुनाव जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया गया था।
वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह उसकी जीत है और सुप्रीम कोर्ट में लोगों का भरोसा बढ़ा है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि  हम उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं। दिल्ली मेयर चुनाव पर सर्वोच्च अदालत का फैसला भाजपा के चेहरे पर एक तमाचा है।पाठक ने कहा, यह आप की जीत है। एमसीडी चुनाव के ढाई महीने बाद दिल्ली को मेयर और डिप्टी मेयर मिलेगा।