उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को हुए खौफनाक हत्याकांड याद कर हर कोई खौंफजदा हो जाता है। उस वक्त आरिफ के सिर पर जैसे खून सवार था। जब बोलता अल्लाह-हू-अकबर, तब करता धारदार हथियार से हमला। बार-बार नारा लगाता और बेरहमी से वार करता था। हमारे भी कमरे का ताला बंद करना चाहता था, लेकिन दरवाजे को पकड़ लिया। कई बार दरवाजे पर हथियार मारा। ऐसा लगा कि मौका मिलते ही सभी लोगों की जान ले लेगा। आरिफ की भाभी ने एक घंटे तक चले खौफनाक घटनाक्रम का बयान किया। बताया ऊपर के कमरे में शौहर मो. आजम, बच्चे हसनैन और अली थे। सभी को डर लग रहा था। जैसे ही अल्लाह-हू-अकबर बोलता, वैसे ही बच्चे डर जाते थे। एक घंटे तक जान सांसत में पड़ी हुई थी।

दो बच्चों को भी बनाया बंधक 

अपनी अम्मी और बहन को मौत के घाट उतारने के बाद हत्यारोपित के हाथ नहीं रुके। वह बार-बार घर में मौजूद लोगों पर हमले का प्रयास करता रहा। घर के भीतर दो बच्चे भी बंधक बने हुए थे। भीतर से महिलाओं और बच्चों के चीखने की आवाज सुन आसपास के लोग आ गए। उन्हें देखते ही आरिफ ने एसिड फेंक दिया। इससे लोगों के कदम पीछे हो गए, लेकिन थोड़ी ही देर बाद स्थानीय लोगों ने दबाव बनाने के लिए उसके घर पर पथराव शुरू कर दिया। इससे वह और तैश में आ गया। इसके बाद एक हाथ से एसिड तो दूसरे हाथ से ईंट के टुकड़े फेंकने लगे।

आरोपित ने पुलिस पर फेंकी एसिड बोतल

घर के भीतर से उठते धुएं ने लोगों को सकते में डाल दिया। तब तक पुलिस और अग्निशमन अधिकारी पहुंच चुके थे। उन्होंने पानी की बौछार शुरू कर दी, जिस पर हत्यारोपित तेजी से एसिड की बोतल फेंकने लगा। अधिकारियों को आग बुझाने और मकान में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की चिंता सता रही थी। तभी एसीपी श्वेताभ पांडेय, सीएफओ आरके पांडेय, इंस्पेक्टर करेली रामाश्रय यादव, इंस्पेक्टर खुल्दाबाद अनुराग शर्मा, थानाध्यक्ष शाहगंज मुदित राय टीम के साथ रेस्क्यू करने में जुट गए। इसी बीच हत्यारोपित मकान की पहली मंजिल पर पहुंच गया और एक के बाद एक एसिड की बोतलें फेंकने लगा। पानी की बौछार के बीच एसीपी, इंस्पेक्टर ने साहस दिखाते हुए आरोपित को कमजोर करने का प्रयास करते रहे।

पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

जब वह नहीं माना तो एंटी राइट गन से रबर बुलेट मारी और फिर आंसू गैस के गोले छोड़े। कई राउंड ऐसा करने के बाद हत्यारोपित आड़ लेकर खड़ा हो गया तो पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया। इसके बाद वहां से बच्चों समेत अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। करीब ढाई घंटे तक मोहल्ले के लोगों में दहशत छायी रही। सबाना के शौहर मो. आजम के होठ भी दर्दनाक मंजर को बताते हुए रुक जा रहे थे। पुलिस के सवालों को वह सही से जवाब नहीं दे पा रहे थे, तब उन्हें पानी पिलाया गया। पड़ोसी और रिश्तेदारों ने किसी तरह ढांढस बंधाया। इसी बीच शबाना के पास मायके से अम्मी समेत अन्य लोगों का फोन आया तो वह बदहवास होकर बात करने लगती। सभी लोगों को थाने बुलाने लगती। तब शबाना को भी सहारा देकर कुर्सी पर बैठाया गया और पानी पिलाया गया, जिसके बाद वह कुछ देर के लिए शांत हो सकी।