देहरादून । उत्तराखंड की अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों आरोपियों के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने से संबंधित मामले की मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 5 जनवरी अगली तारीख दे दी है। उसी दिन कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमित सजवान ने बताया कि सोमवार को कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सोमवार को नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर फैसला होना था लेकिन अब पांच जनवरी तक इंतजार करना होगा।
बता दें कि 12 दिसंबर को मामले की सुनवाई में तीन आरोपियों में से दो सौरभ और पुलकित ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नार्को टेस्ट के लिए सहमति प्रदान की थी जबकि तीसरे आरोपी अंकित ने अदालत से दस दिन का समय मांगा था। इसके बाद 22 दिसंबर की सुनवाई के दौरान तीनों आरोपियों के वकील अमित ने अदालत के माध्यम से एसआईटी से सवाल किए थे कि वह ये टेस्ट क्यों कराना चाहती है। अंकिता हत्याकांड के तीनों आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने 86 दिन की विवेचना के बाद 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। इसमें 100 गवाहों के नाम और 30 से ज्यादा दस्तावेजी साक्ष्य शामिल हैं।
पुलिस ने मांग की थी कि पुलकित सौरभ और अंकित का नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराना जरूरी है। आरोपियों ने वीआईपी गेस्ट की जानकारी छुपाई है। साथ ही पुलकित के मोबाइल की जानकारी भी नहीं दी जा रही है। लिहाजा पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट की अनुमति दी जाए। बता दें कि 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने पुलकित आर्य मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तब उन्होंने सारी बात उगल दी।