मॉस्को ।  रूस ने 24 फरवरी से जीवाश्म ईंधन के निर्यात से 63 अरब यूरो कमाए। रूस ने 24 फरवरी को ही यूक्रेन पर आक्रमण किया था। कुछ दिनों पहले जर्मनी ने कहा था कि वह यूक्रेन को रूस के खिलाफ युद्ध में एंटी-एयरक्राफ्ट टैंक मुहैया कराएगा। जहाज की गतिविधियों, पाइपलाइनों के माध्यम से गैस प्रवाह के आंकड़ों और मासिक व्यापार के अनुमानों पर गौर करते हुए शोधकर्ताओं ने दावा किया कि केवल जर्मनी ने युद्ध के पहले दो महीनों में जीवाश्म ईंधन के लिए रूस को लगभग 9.1 अरब यूरो का भुगतान किया। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस कड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहा है, इसकारण उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।
पिछले साल जर्मनी ने तेल, कोयला और गैस के आयात के लिए कुल मिलाकर लगभग 100 अरब यूरो का भुगतान किया था, जिसमें से एक चौथाई रूस को गया था। वहीं जर्मनी की सरकार ने कहा कि वह अनुमानों पर टिप्पणी नहीं कर सकती है और साथ ही उसने अपने आंकड़े प्रदान करने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कोयला, तेल और गैस की खरीद करने वाली कम्पनियां इसकी जानकारी दे सकती हैं।
गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस से भारत के तेल खरीदने संबंधी प्रश्न के उत्तर में अमेरिका में कहा था, ‘आपने तेल खरीद का उल्लेख किया। अगर आप रूस से ऊर्जा खरीद की बात कर रहे हैं…तब मैं आपको सुझाव दूंगा कि आप यूरोप पर ध्यान दें। उन्होंने कहा था कि हम कुछ ऊर्जा खरीदते हैं जो हमारी ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है। लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें, हम एक महीने में जितना रूसी तेल खरीदते हैं, उतना यूरोप एक दिन में दोपहर तक खरीद लेता है।