राज्य में एक ओर जहां सुखाड़ की स्थिति बन रही है। वहीं, दूसरी ओर राज्य के कुछ क्षेत्रों में अतिवृष्टि की संभावना है। इसको लेकर मौसम विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। कृषि विभाग की ओर से इसकी सूचना जिला कृषि पदाधिकारियों को भेज दी गई है, जिसके बाद किसानों को इसकी सूचना दी गई, ताकि वे अपने फसलों की सुरक्षा कर सकें। एक अगस्त और दो अगस्त को राज्य के दक्षिण-पूर्वी, पश्चिमी और मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।

इन जिलों में हो सकती है अतिवृष्टि

मौसम विभाग की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी और रामगढ़ में भारी वर्षा हो सकती है। इसी तरह राज्य के दक्षिणी क्षेत्र पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला-खरसावां के साथ-साथ गढ़वा, पलामू, लातेहार में कहीं-कहीं भारी वर्षा का अनुमान है। यह अनुमान 31 जुलाई से दो अगस्त तक का है।

मवेशियों व मुर्गियों का टीकाकरण अवश्‍य कराएं

धान की खेती में अतिवृष्टि होने पर जल जमाव होता है, इसकी वजह से बिचड़ा सड़ सकता है। इसके लिए जल निकासी की व्यवस्था करें। रोग से बचने के लिए इसकी निगरानी करते रहें। इसी तरह किसान दलहन और तिलहन की फसल से पानी की निकासी करें। छोड़े-बड़े मवेशी एवं मुर्गियों का टीकाकरण अवश्य कराएं। पशुशाला में हवा आने-जाने की अच्छी व्यवस्था करें। इस दौरान मवेशियों को खुले में नहीं छोड़ें। मौसम के अनुरूप ही उन्हें बाहर निकालें।

किसान अपनी फसल का कैसे करें बचाव

फल एवं सब्जियों की नर्सरी में जल जमाव से सब्जियों का सड़न, फलों का झड़ना, फलों पर दाग लगना, टमाटर में फल और फूल का झड़ना, फलों के चटकने से बचाव के लिए किसान जल निकासी की व्यवस्था करें। परिपक्व फल एवं सब्जियों को तोड़कर उसे सुरक्षित स्थान पर रखें। खड़ी फसल पर रोग के फैलाव को कम करने के लिए गिरे फूलों को हटा दें। किसी छिड़काव के लिए साफ मौसम का इंतजार करें।