भोपाल।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की फटकार के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने स्कॉलरशिप घोटाले में कार्रवाई करते हुए सात पैरामेडिकल कालेज़ों को जहां सील कर दिया है तो वहीं पांच कॉलेजों से वसूली भी की गई है। जानकारी के मुताबिक जबलपुर शहर में 15 पैरामेडिकल कॉलेज पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है। 5 कॉलेजों से भी 42 लाख 95 हजार रुपए की वसूली कर सरकारी खजाने में जमा कराया गया है, इसके अलावा 7 पैरामेडिकल कॉलेजों को सील भी किया गया है। बता दें कि बहुचर्चित छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े मामले में लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने जबलपुर के पैरा मेडिकल कॉलेजों पर कार्रवाई करना शुरू किया है। जिला प्रशासन ने जबलपुर इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज, बालाजी इंस्टीट्यूट, सेंट्रल इंस्टीट्यूट, मीनाक्षी अकैडमी इंस्टीट्यूट, एसपीआई पीएमटी पैरामेडिकल महाविद्यालय सदर, सौर्य इंस्टिट्यूट, रेवांचल ज्ञान प्रबोधिनी, एमएम कॉलेज आफ फिजियोथैरेपी एंड पैरामेडिकल साइंस कॉलेज और महाकौशल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज को सील कर दिया है।
दरअसल पैरामेडिकल कॉलेजों के विभिन्न कोर्सों में छात्रों का फर्जी प्रवेश दिया गया था, जो छात्र कभी कॉलेज गए ही नहीं उनके भी एडमिशन कर दस्तावेज लगाए गए और फिर पिछड़ा वर्ग व एससी-एसटी वर्ग को शासन से मिलने वाली छात्रवृत्ति की मोटी- मोटी रकम भी कॉलेजों ने हड़प ली। बता दे कि यह घोटाला प्रदेश भर में 2010 से 2015 के बीच हुआ जहां पर की छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। करोड़ों के घोटाले में सरकार ने करीब 100 पैरामेडिकल कालेज़ों पर एफआईआर दर्ज करवाई थी और राशि वसूली के आदेश भी जारी किए थे। पर प्रशासनिक मनमानी से महज 10 फ़ीसदी राशि भी जब जमा नहीं हो पाई तो इस मामले पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, इसके बाद जब हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई तब जाकर तरह मेडिकल कॉलेजों से शासन ने राशि वसूलना शुरू की।