प्रयागराज। आई फ्लू यानी आंख लाल होने की बीमारी स्कूलों में बच्चों के बीच फैल गई है। प्रभावित बच्चों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। तमाम स्कूलों में ऐसे बच्चे घर बैठाए जा रहे हैं और व्हाट्सएप ग्रुप पर संदेश भेजे जा रहे हैं कि बच्चों को ठीक होने तक स्कूल न भेजें। अभिभावक भी अपने लाडलों को लेकर डरे सहमे हैं। विकराल होती परिस्थिति के बावजूद स्वास्थ्य विभाग सुस्ती के आलम में है। स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर तक नहीं लगाए जा रहे हैं।

चिकित्सा अधिकारियों का यह मौन समस्या और बढ़ने की ओर इशारा कर रहा है। रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन राजापुर और ज्वाला देवी इंटर कॉलेज सिविल लाइंस में 50-50 बच्चे घर बैठाए गए हैं। इनमें किसी को आई फ्लू पूरी तरह हो चुका है और कुछ बच्चों में शुरुआती लक्षण मिलने पर घर भेजा गया।

बच्चों को किया वापस

शुक्रवार को ज्वाला देवी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह और रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय ने बताया कि बीमारी एक से दूसरे बच्चे में फैल रही थी इसलिए प्रभावित बच्चों से अभी स्कूल न आने के लिए कहा गया है। सेंट जोसेफ इंटर कालेज में कई बच्चे पहले ही घर बैठाए जा चुके हैं।

शुक्रवार को लाल आंख लेकर आए तीन बच्चे वापस किए गए। अन्य स्कूलों में ऐसी ही स्थिति है। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. सुबोध जैन ने कहा कि स्कूलों में जागरूकता शिविर के लिए अपने पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श करेंगे। एएमए भवन में भी निशुल्क जांच शिविर लगाने पर विचार किया जाएगा।

अस्पतालों में उपचार की पूरी व्यवस्था

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आशू पांडेय ने कहा कि अस्पतालों में उपचार की पूरी व्यवस्था है। प्रभावित बच्चे आ भी रहे हैं। स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर इसलिए नहीं लगाया जा रहा है कि वहां भीड़ होगी। बीमारी और फैलेगी। जागरूकता कार्यक्रम आवश्यकता के अनुसार जगह-जगह कराया जा रहा है।