अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम के विराजमान होने के बाद श्रद्धालुओं के लिए गोरखपुर से अयोध्या के बीच रोडवेज की 30 नई बसें चलाई जाएंगी। अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर धाम तक पहुंचाने के लिए गोरखपुर की दस सहित कुल 30 इलेक्ट्रिक बसें (ई बसें) भी संचालित होंगी।

गोरखपुर से 18 जनवरी को दस इलेक्ट्रिक बसें अयोध्या के लिए रवाना हो जाएंगी। ये सभी बसें मार्च तक चलाई जाएंगी। अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई तकलीफ न हो, इसके लिए परिवहन निगम ने अभी से अपनी तैयारी तेज कर दी है।

चाहे हाईवे पर फर्राटा भरने वाली बसें हो या महानगर की सड़कों पर चलने वाली, निगम के अधिकारी श्रद्धालुओं के लिए बस तैयार करने में पूरे मनोयोग से जुट गए हैं। जानकारों का कहना है कि अयोध्या में भीड़ के चलते बाहर से आने वाले अधिकतर श्रद्धालु गोरखपुर में ही रुक जाएंगे। कुछ स्पेशल ट्रेनें भी गोरखपुर में रुकेंगी।

श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम तक ले जाएंगी बसें

ऐसे में यह बसें श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम तक ले जाने और ले आने में उपयोगी साबित होंगी। फिलहाल, गोरखपुर परिक्षेत्र में 750 बसें चल रही हैं। महानगर के विभिन्न रूटों पर 25 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हैं। इलेक्ट्रिक बसों में से दस अयोध्या चली जाएंगी।  यह बसें रेलवे और बस स्टेशनों के अलावा निर्धारित स्थलों से श्रद्धालुओं को मंदिर व कार्यक्रम स्थल तक ले आने और ले जाने के लिए लगाई जाएंगी।

शासन ने इन इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है। स्थानीय प्रशासन बसों के ठहराव, चार्जिंग, सफाई और धुलाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने में जुट गया है। इन बसों को संचालित करने के लिए लगभग 400 कर्मचारी लगाए जाएंगे। कर्मचारियों को रहने, खाने और विश्राम की भी अलग से व्यवस्था की जा रही है।

गोरखपुर-अयोध्या रूट पर रोडवेज की बसें पहले से ही चल रही हैं। मंदिर में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं के आवागमन को देखते हुए गोरखपुर से अयोध्या के बीच और अतिरिक्त बसें चलाने की तैयारी है। मुख्यालय लखनऊ की तरफ से अयोध्या के लिए 10 इलेक्ट्रिक बसों की भी मांग की गई है।