कानपुर | चक्रवाती हवाओं से इस महीने तीसरी बार मौसम बदल गया। ऐसा पिछले 20 वर्षों में पहली बार हुआ है। इससे पहले अप्रैल 2003 में मौसम में ऐसे उतार-चढ़ाव आए थे और तब भी बारिश होने के साथ ओले पड़े थे। इस बार महीना बीतने में अभी पांच दिन बाकी है लेकिन बारिश का रिकॉर्ड टूट चुका है। अप्रैल 2003 के मुकाबले 8 मिमी बारिश ज्यादा हो चुकी है।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता अभी दो मई तक जारी रहने की संभावना है।मौसम विभाग प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार पिछले 10 वर्षों के अप्रैल में बारिश जरूर हुई है लेकिन बार-बार और इतनी अधिक मात्रा में कभी नहीं हुई।

उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन को लेकर अभी तक हुए शोधों में इसी तरह के बदलाव की बात सामने आई है।उन्होंने बताया कि अगले दो-तीन दिनों में तेज बारिश, आंधी और ओले पड़ने की संभावना है। इसके बाद तेज धूप और गर्मी रहेगी। तापमान 40 से ऊपर चला जाएगा और एक झटके में घने बादल भी आ जाएंगे। ऐसा इस महीने में पहले भी हो चुका है और आगे भी इसकी संभावना है। इस बीच मंगलवार को धूप निकलने पर अधिकतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 30.4 डिग्री सेल्सियस हो गया। जबकि न्यूनतम पारा 3.6 डिग्री लुढ़ककर 15 डिग्री पर आ गया। डॉ. पांडेय ने बताया कि मध्य पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब क्षेत्र में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। जिसका असर प्रदेश के मध्य भाग पर दिखाई पड़ रहा है। बताया कि अभी इसके एक सप्ताह तक सक्रिय रहने की संभावना है।