भोपाल ।  भाजपा के आंतरिक सर्वे और फीडबैक में पूछपरख न होने से कार्यकर्ताओं के असंतुष्ट होने की बात सामने आई है। कांग्रेस इसे एक अवसर के रूप में देख रही है। कांग्रेस की नजर भाजपा के असंतुष्ट नेताओं पर है। इनसे संपर्क करने के लिए पार्टी ने 16 वरिष्ठ नेताओं को क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने तय किया है कि जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं का जनाधार है, उन्हें बड़े कार्यक्रमों में कांग्रेस में शामिल कराया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव अभियान की जो कार्ययोजना बनाई है, उसमें भाजपा के असंतुष्ट नेताओं से संपर्क करना भी शामिल है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सहित अन्य नेता यह दावा कर चुके हैं कि भाजपा के कई नेता उनके संपर्क में हैं, जिन्हें समय आने पर पार्टी में शामिल कराया जाएगा। उधर, भाजपा अपने नाराज कार्यकर्ताओं को मानने में जुटी है।

कांग्रेस कोई अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहती

वरिष्ठ नेता अलग-अलग जिलों में ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ सामूहिक बैठकें और अलग-अलग चर्चा भी कर रहे हैं। कांग्रेस नवंबर में होने वाले चुनाव में ऐसा कोई अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहती है, जो उसकी जीत की संभावनाओं को बल देता हो।

यही कारण है कि पिछले माह निमाड़ क्षेत्र में असर रखने वाले भाजपा के पूर्व सांसद माखन सिंह सोलंकी को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मुंगावली के पूर्व विधायक राव देशराज सिंह यादव के पुत्र यादवेंद्र सिंह यादव को कमल नाथ की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई थी।

बसपा की पूर्व विधायक कांग्रेस में हुईं शामिल

विंध्य क्षेत्र में प्रभाव रखने वालीं बसपा से पूर्व विधायक शीला त्यागी भी कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं। अब पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह, मीनाक्षी नटराजन, बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, तरुण भनोत, कमलेश्वर पटेल, जयवर्धन सिंह, लाखन सिंह यादव, रामनिवास रावत, फूल सिंह बरैया और केपी सिंह को जिम्मेदारी दी गई है कि वे आवंटित जिलों में भाजपा के असंतुष्ट नेताओं से संपर्क करेंगे।